वार्षिकोत्सव में भजनों की प्रस्तुति से हुए भाव-विभोर
आर्य समाज का वार्षिकोत्सव जासं सहारनपुर आर्य समाज के तीन दिवसीय 65वें वार्षिकोत्सव का शुभारंभ हवन-यज्ञ से हुआ।इस मौके पर भजनोपदेशकों ने प्रभु भक्ति के भजनों से सभी को भाव विभोर कर दिया। शुक्रवार को खलासी लाइन सरदार पटेल मार्ग के वार्षिकोत्सव के प्रथम दिन सभा यज्ञ से आरंभ हुई। यज्ञ के पुरोहित ब्रहमदेव आर्य व पं. सुरेंद्र कुमार आर्य रहे। यज्ञ के यजमान विनायक देव शर्मा अनिल मारवाह दिनेश आर्य व जुगल किशोर आर्य सप्त्नीक रहे।
सहारनपुर : आर्य समाज के तीन दिवसीय 65वें वार्षिकोत्सव का शुभारंभ हवन-यज्ञ से हुआ। इस मौके पर भजनोपदेशकों ने प्रभु भक्ति के भजनों से सभी को भाव विभोर कर दिया।
शुक्रवार को खलासी लाइन सरदार पटेल मार्ग के वार्षिकोत्सव के प्रथम दिन सभा यज्ञ से आरंभ हुई। यज्ञ के पुरोहित ब्रह्मदेव आर्य व पं. सुरेंद्र कुमार आर्य रहे। यज्ञ के यजमान विनायक देव शर्मा, अनिल मारवाह, दिनेश आर्य व जुगल किशोर आर्य सप्त्नीक रहे। पं.योगराज शर्मा ने अतिथियों के स्वागत में गीत गाए। कुंवर उदयवीर आर्य तथा भजनोपदेशक एवं आचार्य सुलभा शास्त्री ने प्रभु भक्ति के गीत प्रभु तेरी कला का रंग निराला गाया। गीत प्रात: और सायं संध्या वंदन करो, वह तो जहान में सबसे बड़ा है, भगवान जैसा कोई नही से सभी भाव विभोर हो गए। मेरठ से आए आचार्य संजय याज्ञिक व ने प्रभु भक्ति क्यों व कैसें करें? को विस्तार से समझाया। संचालन डा.पूर्ण चंद्र शास्त्री ने किया। विजय कुमार गुप्ता, रविकांत राणा, डा.राजवीर वर्मा, सोमदत्त आर्य, राजकुमार आर्य, जितेंद्र आर्य, प्रेम सागर, रमेश राजा, धर्मपाल, ओमप्रकाश, आनंद मुनि, रामकिशोरी, जीवेश कुमार, मीना वर्मा, रविद्र आर्या, शांति देवी, मधु शर्मा, अनीता शर्मा, सविता आर्या, सुदेश आर्या, रोशनलाल आदि उपस्थित रहे।