हर्षिता के तकनीकी हुनर का मुरीद है अमेरिका
हर्षिता के तकनीकी हुनर का मुरीद है अमेरिका
सहारनपुर जेएनएन। सफलता किसी की मोहताज नहीं होती, अच्छे स्कूल की भी नहीं। हर्षिता अरोड़ा ने यह मिथक तोड़कर दिखाया है। अच्छे स्कूल में शिक्षा तो दूर उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी ही नहीं की। हर्षिता ने अपने अंदर छिपे हुये हुनर को पहचाना तथा स्कूल को ड्राप आउट कर मंजिल पाने की जिद् पूरी करने में लग गई। 14 साल की उम्र में हर्षिता स्कूल की पढ़ाई छोड़कर कुछ अलग करने का सोचने लगी। सन् 2016 में हर्षिता ने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के बारे में पता चलने पर क्रिप्टोकरेंसी और कोडिग का अध्ययन शुरू किया। हर्षिता ने आईओएस प्लैटफॉर्म की डिजाइनिग सीखकर दो महीने में ही क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर ऐप बना डाला। जनवरी 2018 में ऐप्लिकेशन लॉन्च होने के चंद दिनों में अमेरिका में सुपर हिट हो गया। क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर ऐप यूएस मार्केट में सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला एप बना।
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और शुरू किया स्टार्टअप
स्कूल ड्रॉपआउट करने का फैसला आसान नहीं था, लेकिन हर्षिता बताती हैं कि स्कूल छोड़ा तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अध्ययन किया, आगे उन्होंने एमआईटी (मैशुचेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी) के साथ स्टार्टअप शुरू किया, सिलिकॉन वैली के रेडवुड सिटी वेंचर्स ने इसे एक्वायर किया, इस वेंचर के साथ काम कर हर्षिता ने अपना एप्लिकेशन तैयार किया, इसी की बदौलत उन्हें राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया है। हर्षिता ने अपने अध्ययन में पाया कि मार्केट में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी एप्स में कई कमियां हैं, उन्होंने इन्हें दूर करने के लिये एक रीयल टाइम ट्रैकिग और अपडेट्स देने वाला ऐप बना डाला। इस ऐप को पहले दिन 240 लोगों ने डाउनलोड किया, और आज यह अमेरिका में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाला ऐप में शुमार है।
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'वुमेन ऑफ द ईयर' का अवॉर्ड मिला
हर्षिता ने फेसबुक से सेल्सफोर्स जूनियर इंटर्नशिप प्रोग्राम की जानकारी पाकर ये इंटर्नशिप की। हर्षिता ने इसी दौरान एमआईटी के साथ कंपनी की शुरुआत भी की। जनवरी 2018 में एप्लिकेशन लॉन्चिग के बाद ऐप ने धूम मचाना शुरू किया, 32 देशों के 1000 से क्रिप्टोकरेंसी वैल्यू ट्रैक करने की वजह से लोगों ने इसे हाथों हाथ ले लिया, हर्षिता को कैनेडा कॉन्फ्रेंस में 'वुमेन ऑफ द ईयर' का अवॉर्ड दिया गया है।