स्वास्थ्य विभाग के साथ आपूर्ति विभाग भी कोविड वैक्सीनेशन में बनेगा सहयोगी
बेहट में जिन क्षेत्रों में काविड का वैक्सीनेशन कम हुआ है। अब उन क्षेत्रों में वैक्सीन लगाने के लिए प्रशासन ने सभी विभागों को सक्रिय कर दिया है।
सहारनपुर, जेएनएन। बेहट में जिन क्षेत्रों में काविड का वैक्सीनेशन कम हुआ है। अब उन क्षेत्रों में वैक्सीन लगाने के लिए प्रशासन ने सभी विभागों को सक्रिय कर दिया है। इसमें आपूर्ति विभाग भी शामिल है, जो सस्ता गल्ला डीलरों के माध्यम से वैक्सीनेशन के अभियान को गति देने का काम करेगा। इस बारे में एसडीएम रामजीलाल व जिला पूर्ति अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने तहसील मुख्यालय पर क्षेत्र के राशन डीलरों की बैठक ली।
स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अब प्रशासन ने आपूर्ति विभाग को भी कोविड-19 के वैक्सीनेशन को अभियान के तौर पर गति देने का काम शुरू कर दिया है। जिन क्षेत्रों में वैक्सीनेशन कम हुआ है वहां अब सस्ता गल्ला डीलर इस अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। इस कार्य में उनके सहयोग के लिए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्री भी शामिल रहेंगी। एसडीएम व जिला पूर्ति अधिकारी ने इस बारे में तहसील मुख्यालय पर बैठक लेकर अभियान को संचालित करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया। बैठक में क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी अश्विनी कुमार मिश्र भी शामिल रहे।
साढ़ौली कदीम प्रतिनिधि के अनुसार ब्लॉक मुख्यालय पर बी डी ओ रणवीर सिंह व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ नितिन कदवाल ने बैठक में सभी ग्राम सचिवों को कोविड-19 टीकाकरण में तेजी लाने के लिए आंगनवाड़ी ,आशा व राशन डीलर के सहयोग से टीकाकरण को सफल बनाने के निर्देश दिए। बैठक में सभी ग्राम सचिवों को 50 प्रतिशत से कम टीकाकरण वाले ग्रामों की सूची शीघ्र सोपने के निर्देश दिए।
नानौता चीनी मिल को प्रतिवर्ष 20 लाख रुपये का नुकसान होने का लगाया आरोप
नानौता: किसान संघर्ष समिति सोना अर्जुनपुर के चंद्रवीर सिंह राणा ने गन्ना आयुक्त एवं अपर प्रमुख सचिव लखनऊ को शिकायती पत्र भेजकर आरोप लगाया कि प्रत्येक वर्ष नानौता किसान सहकारी चीनी मिल को 20 लाख रुपये की चपत लगाई जाती है। इसकी जांच की जानी चाहिए।
शिकायतकर्ता द्वारा भेजे गए शिकायती पत्र में आरोप लगाते हुए कहा गया कि किसान सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड नानौता में प्रतिवर्ष पेराई सत्र आरंभ होते ही पैन (बॉडी) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं पत्र में कहा गया कि इस वर्ष भी मिल का पेराई सत्र आठ नवंबर 2021 में शुभारंभ हुआ था।
शुभारंभ होने के पांच दिन बाद ही 13 नवंबर 2021 में चीनी मिल का पैन संख्या पांच क्षतिग्रस्त हो गया जबकि लगभग 6 माह चीनी मिल में रिपेयरिग कार्य किया जाता है जिस पर करोड़ों का बजट खर्च किया जाता है जो जांच का विषय है। उक्त पेन की लागत लगभग 20 लाख रुपए है। पत्र में आरोप लगाते हुए कहा गया कि प्रत्येक वर्ष चीनी मिल को 20 लाख की चपत लगाई जाती है। इसकी जिम्मेदारी निर्धारित होनी चाहिए किस अधिकारी द्वारा चीनी मिल को वित्तीय हानि पहुंचाई जा रही है।उन्होंने मांग करते हुए कहा कि रिपेयर मेंटिनेंस की जांच कर चीनी मिल को करोड़ों की जो वित्तीय हानि हो रही है। उसे संबंधित अधिकारी से वसूल किया जाए। शिकायतकर्ता द्वारा पत्र की प्रति प्रबंध निदेशक चीनी मिल संघ लखनऊ व सभापति/जिलाधिकारी सहारनपुर को भी भेजी गई है।