गरीबों को एक हजार कंबल बांटकर मनाई दीपावली
अखिलेश रस्तोगी, शाहबाद : कहते हैं कि जवानी दीवानी होती है। अगर यह दीवानापन समाज के हित म
अखिलेश रस्तोगी, शाहबाद : कहते हैं कि जवानी दीवानी होती है। अगर यह दीवानापन समाज के हित में लगा दिया जाए तो नतीजा लोगों को आईना दिखा सकता है। नगर के युवाओं ने दीपावली पर पटाखे न छोड़कर जहां पर्यावरण को दूषित होने से बचाया, वहीं उन रुपयों से गरीबों में एक हजार कंबल बांटकर एक मिसाल कायम की है। क्षेत्र में युवाओं द्वारा किए गए इस जनहित कार्य की लोगों की आम आदमी तारीफ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोगों के कमेंट इन युवाओं का उत्साह बढ़ा रहे हैं।
नगर निवासी सतीश प्रजापति, आदित्य चड्ढा, आशीष वशिष्ठ, जीतू बरनवाल, मुकेश बरनवाल, राकेश माली, शिवा राणा, विष्णु देवल, सौरभ रस्तोगी, अनुभव शर्मा, दीपू रतन, संदीप, जितेन्द्र प्रजापति समेत करीब 50 युवाओं की टीम ने इस नेक काम के लिए करीब एक माह पहले से तैयारी कर ली थी। इसके लिए नगर में युवाओं को जोड़ने का काम किया। इसमें सबसे कम संख्या नौकरी पेशा एवं व्यापारी की है। ज्यादातर युवा पढ़ाई कर रहे हैं, जिन्हें जेब खर्च के लिए माता-पिता ही रुपये देते हैं। दीपावली से एक माह पूर्व इन युवाओं ने बैठक कर पटाखे न छोड़कर गरीबों को कंबल, बच्चों को कपड़े आदि बांटने का मन बनाया। इसके बाद युवाओं ने अपनी जेब खर्च के रुपये बचाकर उन्हें एकत्र करना शुरू कर दिया। इन रुपयों से गरीबों के लिए कंबल एवं कपड़े मंगा लिए। एक तरफ जहां सभी लोग दीपावली का त्योहार धूमधाम से पटाखे छोड़कर मना रहे थे। वहीं युवा नगर में घूम-घूम कर गरीबों की तलाश कर उन्हें कंबल एवं कपड़े वितरित कर रहे थे। युवाओं ने अपने इस कार्य को फेसबुक, वाट्सएप आदि पर शेयर किया तो हजारों लोगों ने उनका उत्साहवर्धन किया। नगर में भी युवाओं द्वारा इस कार्य की हर जगह प्रशंसा हो रही है। युवा बताते हैं कि उनका अगला कदम गरीब परिवार की बेटियों की शादी में सहायता करने का है, जिसके लिए उन्होंने रणनीति बनानी शुरु कर दी है। सतीश प्रजापति ने बताया कि गरीबों को बांटने के लिए एक हजार कंबल खरीदे गए थे, जो गरीबों को बांट दिए हैं।