शिक्षित और आत्मनिर्भर बनें महिलाएं
शिक्षित और आत्मनिर्भर बनें महिलाएं
जागरण संवाददाता, रामपुर : कोसी मार्ग स्थित वाल्मीकि मंदिर में चल रहे महिला डिग्री कॉलेज के एनएसएस शिविर में में बुधवार को महिला सुरक्षा एवं चुनौतियां विषय पर चर्चा की गई। इस अवसर पर स्वयंसेवक छात्राओं व अतिथियों ने अपने विचार रखे। इसके साथ ही विभिन्न कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। जिन्हें सबकी भरपूर सराहना मिली।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी शोभित शर्मा ने कहा कि भारतीय महिलाओं का सशक्तिकरण तब सार्थक हो सकता है, जब वे आर्थिक, दैहिक, मानसिक एवं आत्मिक रूप से स्वतंत्र हों। इन स्तरों पर ही नारी को स्वतंत्र इंसान का दर्जा दिए जाने में पिछली कुछ सदियों से जाने-अनजाने इतनी कोताही बरती जाती रही है। अधिकांश महिलाओं की बचपन से परवरिश ही इस तरह की जाती है कि उन्हें घरेलू सामंजस्य या रीति रिवाजों के नाम पर जिदगी भर बस सहन करते रहना है। इस जन्म घुट्टी के साथ पली बढ़ी महिलाएं घरेलू हिसा को भी अपनी नियति मान खामोशी से सहन करती चली जाती हैं। इस सबसे अब ऊपर उठने का समय आ गया है।
एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रजिया परवीन ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं का शिक्षित होने के साथ ही आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है। वास्तव में महिला सुरक्षा के लिए खुद महिलाओं को ही सक्षम होना होगा। कायरता का गहना उतार कर हिम्मत, वीरता और साहस को अपनाना होगा।
डॉ. शुत्रजीत सिंह ने कहा कि जिस दिन से माताएं अपने बेटे और बेटियों की परवरिश में अंतर करना छोड़ देंगी, उस दिन से सामाजिक स्तर पर सोच में बदलाव का बीज पड़ जाएगा। इसकी शुरुआत के लिए घर से बेहतर स्थान कोई नहीं। यदि महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ पुरुष मानवीयकरण के लक्ष्य को भी सामने रखें तो काफी हद तक इसमें सफल हुआ जा सकता है। यदि घर में हम अपनी पत्नी, पुत्री, मां और बहन का सम्मान करे तथा घर से बाहर किसी भी स्त्री को मात्र इंसान के रूप में देखते हुए उसका सम्मान करें तो नारी जाति के प्रति कोई अपराध बनने का कारण ही उत्पन्न नहीं होगा। डॉ. अतुल शर्मा, सुरेंद्र राजेश्वरी, डॉ. अंकिता व केशव लाल आदि रहे।