पत्नी ने प्रेमी से कराई थी मेडिकल संचालक की हत्या
मिलक (रामपुर) मेडिकल स्टोर संचालक ओमप्रकाश की हत्या उसकी पत्नी ने ही प्रेमी के साथ मिलकर कराई थी।
मिलक (रामपुर) : मेडिकल स्टोर संचालक ओमप्रकाश की हत्या उसकी पत्नी ने ही प्रेमी के साथ मिलकर कराई थी। पुलिस ने मंगलवार को पत्नी और प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया। प्रेमी के साथ एक और युवक भी था। पुलिस ने पूछताछ के बाद तीनों को जेल भेज दिया। हत्यारोपित पत्नी धमोरा के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका है। चार माह पहले ही उसकी नौकरी लगी थी।
जिला बरेली स्थित थाना मीरगंज के सैजना गांव निवासी ओमप्रकाश का विवाह नौ वर्ष पहले मिलक की कंचन लता से हुआ था। पत्नी अपनी माता-पिता की इकलौती संतान है। इस कारण वह ससुराल में ही रह रहा था। उसने बिलासपुर मार्ग स्थित रठौंडा चौराहे पर पत्नी के नाम से कंचन मेडिकल स्टोर खोला। प्रतिदिन स्कूटी से वह मेडिकल स्टोर जाता और शाम को वापस लौटता था। 11 फरवरी की शाम सात बजे मेडिकल स्टोर बंद करके घर के लिए रवाना हुआ। रात नौ बजे तक जब वह घर नहीं पहुंचा तो पत्नी कंचन लता ने फोन कर मेडिकल स्टोर पर काम करने वाले नौकर से पूछा। नौकर ने बताया कि मेडिकल स्टोर बंद कर ओमप्रकाश घर चले गए थे। कंचन के कहने पर नौकर उन्हें ढूंढने के लिए निकल पड़ा। बिलासपुर मार्ग पर तिराह गांव के समीप एक ईट भट्टे के पास सड़क किनारे खाई में लहूलुहान अवस्था में पड़े थे। उनकी क्षतिग्रस्त स्कूटी खाई में पड़ी हुई थी। मार्ग से गुजर रहे राहगीरों ने हादसे की सूचना पुलिस और एंबुलेंस को दी। नगर के सरकारी अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने सड़क हादसे में घायल होना मानकर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। खबर पाकर अस्पताल पहुंचे स्वजन मेडिकल संचालक को बेहतर इलाज के लिए बरेली ले गए। इलाज के दौरान लगातार हालत बिगड़ती देख डॉक्टरों ने मेडिकल संचालक की एमआरआइ करने का निर्णय लिया। 12 फरवरी को मेडिकल संचालक की एमआरआइ करते समय उसके सिर के अंदर गोली फंसी देख डॉक्टरों सहित स्वजनों के होश उड़ गए। घायल मेडिकल संचालक की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने उसके सिर का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया, लेकिन ऑपरेशन करने से पूर्व ही उसी शाम मेडिकल संचालक ने दम तोड़ दिया। 13 फरवरी को मेडिकल संचालक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, जिसमें सिर में गोली लगने के कारण उसकी मौत होना आया। 14 फरवरी को मृतक के भाई सोमपाल ने कोतवाली में अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मेडिकल संचालक के सिर से सटाकर गोली मारना आया था। सिर में लगे घाव के समीप कार्बन लगा हुआ मिला था। इससे पुलिस ने अंदाजा लगाया था कि घटना को किसी करीबी ने ही अंजाम दिया है। क्योंकि स्कूटी पर पीछे बैठे व्यक्ति ने ही संचालक के सिर में गोली मारी होगी। इसलिए पुलिस ने मृतक के परिवार और रिश्तेदारों के नंबर सर्विलांस पर लगा दिए। पत्नी के फोन से हुआ पर्दाफाश
मृतक की पत्नी के मोबाइल की सीडीआर इस हत्याकांड के पर्दाफाश में एक अहम सबूत साबित हुई। मृतक के मोबाइल पर अंतिम कॉल किए जाने वाले नंबर कहां से खरीदा गया। इस खोजबीन में पुलिस लग गई। हत्याकांड के पर्दाफाश के लिए गठित की गई टीम को पता चला कि मृतक के मोबाइल पर जिस नंबर से फोन किया गया था वह सिम थाना शहजादनगर के नरखेड़ा गांव से खरीदी गई थी। पुलिस गांव पहुंची और सिम बेचने वाले को धर दबोचा। पुलिस के पूछताछ करने पर सिम बेचने वाले ने सिम खरीदने वाले हत्यारोपित का पता पुलिस को बताया। इसके बाद पुलिस ने मृतक की पत्नी और हत्यारोपित के बीच मोबाइल पर बातचीत का रिकार्ड निकलवाया। दोनों के बीच लंबी-लंबी बातें फोन पर होने की जानकारी पुलिस को मिली तो पुलिस का शक और गहरा गया। इसके बाद दोनों को पकड़ लिया। दोनों से पूछताछ की तो जुर्म स्वीकार कर लिया। उसकी पत्नी की साजिश से रवि ने ही उसे गोली मारी।
पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने बताया कि और कंचन के बीच डेढ़ साल से संबंध थे। ओमप्रकाश को इसकी जानकारी हो गई थी। इस कारण पति-पत्नी में भी विवाद होने लगा। इसपर कंचन ने ओमप्रकाश के कत्ल की योजना बनाई। घटना की रात रवि ने बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी के फरीदपुर गांव निवासी गणेश मौर्या को भी साथ लिया। इसके बाद ओमप्रकाश को फोन किया कि मामा उसकी बाइक खराब हो गई है। रठौंडा चौराहे पर आएं तो उसे भी साथ ले लें। इसके बाद ओमप्रकाश वहां पहुंचा तो रवि उसकी स्कूटी पर बैठ गया और पीछे से गोली मार दी। पुलिस ने रवि और गणेश से 315 बोर के दो तमंचे भी बरामद कर लिए हैं। ओमप्रकाश को कहता था मामा
ओमप्रकाश वर्ष 2013 में अपनी पत्नी के साथ जिला बरेली स्थित मीरगंज कस्बे में रहता था। वह जिस मकान में किराए पर रहता था हत्यारोपित रवि भी उसी मकान में किराए पर रहता था। रवि की मेडिकल संचालक के गांव में ननिहाल थी। इस नाते वह ओम प्रकाश को मामा कहकर पुकारता था।