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Terrorist attack on CRPF Group Center : आतंकी हमले में फैसले के बाद रामपुर में बढ़ाई गई सतर्कता Rampur News

फांसी की सजा सुनाने वाले न्यायाधीश के आवास और डीजीसी की सुरक्षा में पुलिस तैनात।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 07:02 AM (IST)
Terrorist attack on CRPF Group Center : आतंकी हमले में फैसले के बाद रामपुर में बढ़ाई गई सतर्कता Rampur News
Terrorist attack on CRPF Group Center : आतंकी हमले में फैसले के बाद रामपुर में बढ़ाई गई सतर्कता Rampur News

रामपुर, जेएनएन। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमले में 12 वर्ष बाद छह आतंकियों को अदालत ने सजा सुनाई। चार को फांसी की सजा सुनाई गई है। इसके मद्देनजर शहर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हैैं। संवेदनशील स्थानों पर फोर्स तैनात है। सजा सुनाने वाले न्यायाधीश और जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) के आवास पर भी सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए हैं। 

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शनिवार को अपर जिला जज संजय कुमार की अदालत ने चार को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। इनमें एक पाकिस्तान और एक गुलाम कश्मीर का है। इसे लेकर पुलिस प्रशासन चौकन्ना है। हालांकि कहीं से किसी अनहोनी की आशंका से संबंधित इनपुट नहीं मिला है, फिर भी खुफिया एजेंसियां सतर्क हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि सजा सुनाने वाले न्यायाधीश की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। उनके आवास पर पांच सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैंं। एसपी ने बताया कि कचहरी में भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध हैं। जिला शासकीय अधिवक्ता दलङ्क्षवदर ङ्क्षसह डंपी ने बताया कि उनके आवास पर भी फैसला सुनाए जाने के बाद से ही सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। 

यह था पूरा मामला

सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकियों ने जवानों पर एके-47 से गोलियां बरसाईं और हैंड ग्रेनेड फेंके। इस हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा गेट के बाहर रिक्शा चालक की भी हत्या कर दी थी। पुलिस ने हमले के आरोप में गुलाम कश्मीर के इमरान शहजाद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुहम्मद फारुख, बिहार के सबाउद्दीन, मुंबई गोरे गांव के फहीम अंसारी, प्रतापगढ़ के मुहम्मद कौसर, बरेली के गुलाब खां, मुरादाबाद के जंग बहादुर बाबा और रामपुर के मुहम्मद शरीफ को गिरफ्तार किया था। इन्हें सुरक्षा के मद्देनजर लखनऊ और बरेली की जेलों में बंद किया गया था। अदालत ने इमरान शहजाद, मुहम्मद फारुख, सबाउद्दीन व शरीफ को फांसी की सजा सुनाई। जंग बहादुर को आजीवन कारावास और फहीम को दस साल कैद की सजा सुनाई गई है। बाकी दो को बरी कर दिया गया। 


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