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नगर में सुलभ शौचालयों पर लगे ताले, जनता परेशान

नगर में सुलभ शौचालयों पर लगे ताले जनता परेशान

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 11:49 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 06:05 AM (IST)
नगर में सुलभ शौचालयों पर लगे ताले, जनता परेशान
नगर में सुलभ शौचालयों पर लगे ताले, जनता परेशान

जागरण संवाददाता, रामपुर : सरकार एक तरफ खुले में शौच मुक्त करने के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है, वहीं नगर में लाखों रुपए की लागत से बनाए गए सुलभ शौचालयों में ताला लटका हुआ है। आसपास के लोगों के अनुसार इनके बंद होने से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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सरकार खुले में शौच मुक्त भारत की परिकल्पना पर काम कर रही है। जगह-जगह सुलभ शौचालयों के निर्माण कराए जा रहे हैं। उसके बावजूद स्थानीय मशीनरी द्वारा इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। स्थानीय स्तर से उदासीनता के चलते सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही अपने नगर में भी देखने को मिल रहा है। नगर में पालिका की ओर से कई स्थानों पर 25 सीटों के सुलभ शौचालय बनवाए गए हैं। विकास भवन के सामने, किला परिसर में, चीनी मिल के पास, रेलवे स्टेशन के पास तथा बाजार नसरुल्लाह खां आदि में ये शौचालय बनाए गए हैं। उनमें से दो शौचालयों पर ताला लटका हुआ है। किला परिसर के पश्चिमी गेट पर फर्राशखाना के पास स्थित शौचालय के गेट पर ताला लटका देख जब आसपास के लोगों से मालूम किया तो पता चला कि जब इसका निर्माण किया गया था। उसके बाद कुछ दिनों के लिए यह खुला, उसके बाद इसे बंद कर दिया गया, जोकि आज तक बंद है। वहीं सर्राफा मार्केट में बने शौचालय पर भी ताला लटका हुआ है। किला गेट के पास के दुकानदार मोहम्मद इरफान बताते हैं कि जब से बना है तब से बंद ही पड़ा है। जब बना था तब ही आठ-दस दिनों के लिए खोला गया था। उसके बाद इसे बंद कर दिया गया। अहमद हसन बताते हैं कि शौचालय को बंद कर दिया गया। इससे हम लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोहम्मद वसीम के अनुसार शौचालय न खुलने से हम लोगों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है। पालिका को चाहिए कि जब इसे बनवाया गया है तो जनता के लिए खोला भा जाए। क्या कहते हैं अधिकारी

जनता की सुविधा के लिए पांच स्थानों पर सुलभ शौचालयों का निर्माण करवाया गया है। शौचालयों पर ताला लटकने की जानकारी मुझे नहीं है। इसे दिखवाया जाएगा। यदि कहीं पर ताले लटके मिलते हैं तो उन्हें खुलवाया जाएगा।

-इंदु शेखर मिश्रा, अधिशासी अधिकारी


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