दौकपुरी टांडा में एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत
रामपुर पंचायत चुनाव के बाद से गांवों में बीमारी से मौत के मामले बढ़ गए हैं।
रामपुर : पंचायत चुनाव के बाद से गांवों में बीमारी से मौत के मामले बढ़ गए हैं। अब अजीमनगर थाना क्षेत्र के दौकपुरी टांडा गांव में एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत हो गई। इससे गांव के लोगों में दहशत का माहौल है। गांव के लोग हैरत में हैं। तीनों बच्चों की मौत रहस्यमय तरीके से हुई है। स्वजनों के मुताबिक रात तक बच्चे ठीक थे, लेकिन सुबह मृत मिले। इनमें ताजा मामला शनिवार का है, जो गांव निवासी मोहम्मद मोबीन के यहां हुआ। 15 दिन पहले उसके यहां बेटी पैदा हुई थी। परिवार में खुशी का माहौल था। शुक्रवार रात तक बेटी ठीक थी। स्वजन देर रात तक उसके पास बैठे थे। उसके बाद वह अपनी मां के साथ ही सो गई। लेकिन, अगले दिन सुबह वह मृत मिली। इसी गांव के मोहम्मद रईस के घर भी चार दिन पहले यह घटना हुई। उसका बेटा रात तक ठीक था। शाम तक हंसता खेलता रहा। रात में सो गया। सोने से पहले घर वालों ने उसकी हरकतों की वीडियो भी बनाई थी। लेकिन, सुबह जब स्वजनों ने उसे जगाया तो वह नहीं उठा। उसकी मौत हो चुकी थी। तीसरा मामला भी इसी गांव के कमरुद्दीन के साथ हुआ। पांच दिन पहले उसके बच्चे की भी मौत हो गई। इन सभी के स्वजनों का कहना है कि बच्चे रात तक ठीक थे। किसी को कोई बीमारी भी नहीं थी। लगातार हो रही इन घटनाओं से गांव में दहशत का माहौल है। जिनके छोटे बच्चे हैं, वे लोग सबसे ज्यादा डरे हुए हैं। गौरतलब है कि
इस गांव में 15 अप्रैल को पंचायत चुनाव के लिए मतदान हुआ था। तब से यहां करीब 20 लोगों की मौत हो चुकी है। अब बच्चों की मौत होने से लोग खौफजदा हैं। इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डा. फहीम अहमद का कहना है कि कई बार ऐसा होता है कि जब मां बच्चे को दूध पिलाती है तो दूध बच्चे की खाने की नली के बजाय सांस की नली में चला जाता है। वहां से यह फेफड़ों में पहुंच जाता है, जिससे बच्चे की मौत भी हो जाती है। इसलिए बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसे आधे घंटे तक कंधे से लगाकर रखना चाहिए।