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हर माह 12 करोड़ की चपत लगा रहे बिजली चोर

रामपुर शहर में बिजली चोरी के कारण विभाग को हर माह 12 करोड़ की चपत लग रही है। इस कारण विभाग कंगाल होता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 May 2022 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 10 May 2022 11:10 PM (IST)
हर माह 12 करोड़ की चपत लगा रहे बिजली चोर
हर माह 12 करोड़ की चपत लगा रहे बिजली चोर

रामपुर : शहर में बिजली चोरी के कारण विभाग को हर माह 12 करोड़ की चपत लग रही है। इस कारण विभाग कंगाल होता जा रहा है।

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बिजली महकमा अपनी आर्थिक सेहत सुधारने को हर साल जतन करता है। पुराना बकाया निकालने को ओटीएस योजना चलाता है। वहीं बिजली चोरी रोकने को चेकिग पर चेकिग अभियान चलाता है। कभी दिन, कभी शाम चेकिग की जाती है। अब कुछ माह से सुबह में अभियान चलता है। एक साथ साढ़े तीन सौ से लेकर पांच सौ तक घरों में बिजली चोरी पकड़ कर रिपोर्ट भी कराई नतीजा, सिफर ही है। बिजली चोरी व लाइनलास का आंकडा भी अभी भी नीचे आने को तैयार नहीं है। अकेले शहर में ही करीब 40 हजार लोग बिजली का प्रयोग चोरी से कर रहे हैं। इससे विभाग को हर माह 12 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति का झटका लगता है। इसके अलावा बिजली चोरी से बिजली लाइनों, ट्रांसफार्मर और खंभों व बिजलीघरों के उपकरणों पर ओवरलोड से पड़ने प्रभाव का खर्च भी सालाना करोडों में ही बैठ जाता है। इसे लेकर तमाम जतन करने के बाद भी विभाग सफल होता नजर नहीं आ रहा है। इसका प्रमाण यह है कि जनपद का नाम लाइनलास को लेकर मुरादाबाद मंडल और पश्चिमांचल में दूसरे नंबर पर गिना जाता है। शहर में 62 हजार घरेलू बिजली उपभोक्ता हैं। यहां प्रतिमाह लाइनलास से आठ से 12 करोड़ रुपये का विभाग को झटका लग रहा है।

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नगर क्षेत्र में शासन स्तर से निर्धारित शेडयूल के हिसाब से ही आपूर्ति दी जाती है। फाल्ट होने व अन्य किसी तरह की दिक्कत से आपूर्ति बाधित होने पर उसे शीघ्र बहाल करने का प्रयास रहता है। शहर में करीब 40 मिलियन यूनिट खपत है, जो 30 करोड़ की होती है। जिसमें से 12 करोड़ सीधे लाइनलास हो जाता है। अत्यधिक लाइनलास वाले

फीडर को चिहित कर अभियान चलाया जाता है। अभी करीब महीना भर से ऐसे फीडरों में अभियान चल रहा है। मासिक रिपोर्ट में लाइनलास कुछ नियंत्रित होने की उम्मीद है। इसके प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।

भीष्म सिंह, अधिशासी अभियंता

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साल में 220 बिजली ट्रांसफार्मर ओवरलोड के कारण हो जाते हैं खराब

रामपुर : बिजली विभाग की मानें तो एक साल में 220 के लगभग बिजली ट्रांसफार्मर खराब होते हैं। इसकी वजह भी

चोरी के कारण पड़ने वाला लोड ही है। इनकी मरम्मत में करीब 10 करोड़ रुपये व्यय होता है। बिजली लाइनों व खंभों की मरम्मत इत्यादि पर होने वाला खर्च अलग रहा।

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इन फीडरों पर सबसे अधिक होता है लास

रामपुर : शहर के डूंगरपुर, रजा इंटर कालेज, पहाडी गेट, शाहबाद गेट, थाना गंज, अजितपुर सेकेंड, नवाब गेट ऐसे फीडर हैं, जहां लाइनलास सबसे अधिक रहता है। विभाग इन फीडरों का लाइनलास 40 से लेकर 80 प्रतिशत तक बताता है। सबसे ज्यादा बिजली की खपत वाले इन्हीं फीडर वाले क्षेत्रों में सबसे ज्यादा चेकिग अभियान भी चलते हैं।

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परेशान रहते बिल चुकाने वाले

रामपुर : सर्वाधिक लाइनलास वाले फीडरों में ही सबसे ज्यादा बिजली संकट रहता है। इसकी वजह अधिक भार पड़ना ही ज्यादा रहता है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी बिजली चुकाने वालों को ही झेलनी पड़ती है। समय से, पूरी बिजली मिलें, इसलिए ही नियमित रूप से लाइन में लगकर बिजली बिल जमा करते नजर भी आते हैं।


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