प्रबंधन की लापरवाही से नहीं हुआ था मैंथा फैक्ट्री में अग्निकांड
रामपुर स्वाति मेंथोल फैक्ट्री में 15 साल पहले हुए भीषण अग्निकांड में अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने मुकदमे में सभी आरोपित को दोषमुक्त कर दिया है। इस अग्निकांड में चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी जबकि 10 घायल हुए थे।
रामपुर : स्वाति मेंथोल फैक्ट्री में 15 साल पहले हुए भीषण अग्निकांड में अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने मुकदमे में सभी आरोपित को दोषमुक्त कर दिया है। इस अग्निकांड में चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी, जबकि 10 घायल हुए थे। पुलिस ने मुकदमे में फैक्ट्री मालिकों एवं प्रबंधन के अधिकारियों को आरोपित बनाया था। अदालत ने माना कि घटना में प्रबंधन की असावधानी एवं उपेक्षा साबित नहीं हो सकी है। यह एक हादसा था। अदालत ने इसे इत्तेफाकिया माना और संदेह का लाभ देते हुए सभी को बरी कर दिया है।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के फैजुल्लानगर स्थित स्वाति मेंथोल फैक्टरी में 15 फरवरी 2006 को भीषण आग लग गई थी। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक हादसे में फैक्टरी कर्मी सीताराम गुप्ता, राजेश, विशंभर प्रसाद और लक्ष्मी नारायण की मौत हो गई थी, जबकि उस्मान, अमीर अहमद, घासीराम, विश्राम सिंह, नंद किशोर, कन्हैया लाल, अंसार अली, यासीन, रमेश, जिया उल नबी गंभीर रूप से झुलस गए थे। पुलिस ने मुकदमे में फैक्ट्री के एमडी सुरेंद्र कुमार गुप्ता, संचित गुप्ता, नितिन उर्फ सचिन गुप्ता, रमेंद्र कुमार गुप्ता और संजय गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट लगा दी थी। पुलिस ने 26 लोगों को गवाह बनाया था। अभियोजन का कहना था कि अग्निकांड फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही से हुआ था, जबकि बचाव पक्ष का कहना था कि हादसा इत्तेफाकिया है। मृतकों और घायलों को उचित मुआवजा भी दिया गया था। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने इस मामले में सोमवार को फैसला सुनाया। आरोप साबित न होने पर सभी को बरी कर दिया। उधर, आदेश पर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अरुण प्रकाश सक्सेना का कहना है कि अदालत का निर्णय अभी प्राप्त नहीं हुआ है। निर्णय का गहनता से अध्ययन करेंगे, जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे।