टांडा में खुले हुए हैं सभी नाले, हादसे का खतरा
रामपुर। टांडा नगर में सभी 23 नाले खुले हुए हैं जिनसे हादसे का खतरा बना है। रविवार को तो नाले में डूबकर एक बालक की मौत भी हो गई। अगर नाला ढका हुआ होता तो शायद बच्चे की जान न जाती।
रामपुर। टांडा नगर में सभी 23 नाले खुले हुए हैं, जिनसे हादसे का खतरा बना है। रविवार को तो नाले में डूबकर एक बालक की मौत भी हो गई। अगर नाला ढका हुआ होता तो शायद बच्चे की जान न जाती।
नगर का मुख्य नाला मुहल्ला काजीपुरा जामा मस्जिद से होकर मुहल्ला सेंटाखेड़ा, पुराना बाजार, भब्बलपुरी, पड़ाव, हाजीपुरा, बाल्मीकि बस्ती, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने से होकर, दूर संचार केंद्र के पास होता हुआ बादली में बहल्ला नदी में जाकर गिरता है। इसी नाले पर रविवार को बरसात अधिक होने के कारण पानी नाले के ऊपर तक बहने लगा। जिस से दरवाजे पर खेलते समय चार साल के बच्चे अनस की मौत हो गई। दूसरा बड़ा नाला मुहल्ला राहूपुरा सराए कांप्लेक्स से होकर ठेकेदार वाली मस्जिद,
मुहल्ला नज्जुपूरा, भीमापुरी, व तहसील के पास से होकर नवाबपुरा, दुलीवाला होता हुआ बादली में बहल्ला नदी में जाकर गिरता है। इसी प्रकार अन्य नाले हैं। लेकिन, कोई भी नाला ढका हुआ नहीं है। जिस से की दुर्घटना से बचाव हो सके। मुहल्ला सेंटाखेड़ा, भबलपुरी, पड़ाव, हजीपुरा आदि में लोगों ने नाले पर अतिक्रमण कर रखा है। लोगों ने घरों के सामने स्लैब भी डाल रखे हैं। जिस से नालों की सफाई में दिक्कत आती है। नगर पालिका द्वारा नगर में तथा नालों की सफाई व्यवस्था पर पूरा ध्यान दिया जाता है। नगर पालिका अध्यक्ष महनाज जहां द्वारा लगातार भ्रमण कर सफाई व्यवस्था का निरीक्षण भी किया जाता है। इसके बावजूद अतिक्रमण के करण सफाई में दिक्कत होती है। नगर पालिका अध्यक्ष महनाज जहां का कहना है कि सैकड़ों साल पुराने नाले हैं। शहर में नालों को ढकना आसान प्रक्रिया नहीं है। सबसे बड़ी परेशानी अतिक्रमण की है। जिस से सफाई में भी समस्या खड़ी होती है।