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इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों पर मुकदमा

रामपुर झूठे मुकदमे में जेल भेजने के आरोप में इंस्पेक्टर और दारोगा समेत पांच पुलिस कर्मियों समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 11:38 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 11:38 PM (IST)
इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों पर मुकदमा
इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों पर मुकदमा

रामपुर : झूठे मुकदमे में जेल भेजने के आरोप में इंस्पेक्टर और दारोगा समेत पांच पुलिस कर्मियों समेत सात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इन पर आ‌र्म्स एक्ट में एक व्यक्ति को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने का आरोप है। मामला वर्ष 2013 का है। उस समय बिलासपुर में तैनात रहे पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।

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पुलिस के मुताबिक वर्ष 2013 में बिलासपुर कोतवाली में इंस्पेक्टर विमलेश कुमार सिंह और अमित कुमार मान की तैनाती थी। उस समय लखनऊ निवासी संतोष कुमार यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके विरुद्ध आ‌र्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया था। इसमें शामिल दो इंस्पेक्टर और तीन पुलिस कर्मी बताए जा रहे थे। जेल की सजा काटकर वापस लौटे युवक ने अपने ऊपर झूठा मुकदमा लिखे जाने की शिकायत एसपी से लेकर मुख्यमंत्री तक से की थी। इसी बीच आठ साल तक युवक की सिस्टम से लंबी लड़ाई चली और अधिकारियों ने आखिरकार जांच के आदेश दे दिए। जांच हुई और जांच के दौरान सीबीसीआइडी के विवेचक निरीक्षक जगदीश उपाध्याय ने पुलिस कर्मियों समेत सातों को दोषी ठहराया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में पाया कि युवक पर तत्कालीन पुलिस कर्मियों ने झूठा मुकदमा दर्ज किया था। उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद उच्च अधिकारियों ने सातों पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए। आठ साल बाद युवक को न्याय मिला और पांच पुलिस कर्मियों समेत सात के खिलाफ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। कार्यवाहक प्रभारी निरीक्षक लखपत सिंह का कहना है कि इंस्पेक्टर विमलेश कुमार सिंह, उप निरीक्षक अमित कुमार मान, कांस्टेबल राजेन्द्र सिंह, इब्राहिम, रोहित समेत पांच पुलिस कर्मियों तथा विजयंतखंड गोमती नगर लखनऊ के ज्ञानेंद्र सिंह उर्फ पप्पू सिंह और रामप्रसाद यादव गांव कठौता गोमती नगर लखनऊ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। संतोष का आरोप है कि ज्ञानेंद्र और राम प्रसाद उसके परिचित हैं। इन दोनों ने ही पुलिस से मिलीभगत करके मुझे धोखे से लखनऊ से यहां लाकर झूठे मुकदमे में फंसवाया था। हालांकि इसमें घटनास्थल की सही जानकारी नहीं दी गई है। मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारियों के आदेश अनुसार की जाएगी।


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