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इंटरनेट मीडिया पर चल रहे सियासी तीर

रामपुर विधानसभा चुनाव को सियासी जंग के लिए राजनैतिक दलों ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। नामांकन भी चालू हो गया है लेकिन अभी शहर की सड़कों गलियों व बाजारों में सन्नाटा है। चुनावी शोर सुनने को नहीं मिल रहा है। माहौल में सन्नाटा पसरा हुआ है। इससे इतर इंटरनेट मीडिया पर माहौल खूब गर्म है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 12:22 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 12:22 AM (IST)
इंटरनेट मीडिया पर चल रहे सियासी तीर
इंटरनेट मीडिया पर चल रहे सियासी तीर

रामपुर : विधानसभा चुनाव को सियासी जंग के लिए राजनैतिक दलों ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। नामांकन भी चालू हो गया है, लेकिन अभी शहर की सड़कों, गलियों व बाजारों में सन्नाटा है। चुनावी शोर सुनने को नहीं मिल रहा है। माहौल में सन्नाटा पसरा हुआ है। इससे इतर इंटरनेट मीडिया पर माहौल खूब गर्म है।

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न सिर्फ अपना पल्ला भारी करने को लोग अपनी पार्टी व प्रत्याशियों के समर्थन में पोस्ट डाल रहे हैं, बल्कि दूसरे दलों व प्रत्याशियों पर वार करने वाली पोस्ट भी धड़ल्ले से वायरल की जा रही हैं। इंटरनेट मीडिया पर चुनावी पोस्ट खूब नजर आ रहीं हैं।

2021 में संपन्न हुए पंचायत चुनाव की तरह 2022 के विधानसभा चुनाव पर भी कोविड का खासा असर है। इसके तेजी से केस बढ़ रहे हैं। हालांकि यह अभी तक खतरनाक महसूस नहीं हो रहा है, लेकिन सावधानी बरतते हुए चुनावी रैलियों व सभाओं इत्यादि के आयोजन पर रोक लगा दी गई थी। इस कारण सड़क पर चुनावी प्रचार नजर नहीं आ रहा है। पहले की तरह सड़कों पर चुनाव प्रचार करते राजनैतिक लोगों के वाहनों के काफिले दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। हालांकि अधिकांश प्रमुख दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसके बावजूद सड़कों पर चुनावी माहौल नजर नहीं आ रहा है। इससे इतर इंटरनेट मीडिया पर खासा माहौल गर्म है। विभिन्न दलों, प्रत्याशियों के पदाधिकारी व समर्थक न सिर्फ अपने प्रचार की पोस्ट व वीडियो इत्यादि वायरल कर रहे हैं बल्कि सियासी तीर चलाने को अपने अपने विरोधियों के पुराने वीडियो व मैसेज भी वायरल करने से नहीं चूक रहे हैं। सत्ता व विपक्षी दलों के लोग अपने-अपने प्रतिद्वंदी दलों पर कटाक्ष करती खूब पोस्ट डाल रहे हैं। इस कारण इंटरनेट मीडिया पर चुनावी प्रचार धड़ल्ले से नजर आ रहा है। फेसबुक व व्हाट्सएप ग्रुप इस तरह की सामग्री से भरे पड़े हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से इन पर किसी तरह की सख्ती नजर नहीं आ रही है।


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