रोडवेज की खटारा बसें बंद, भटक रहे यात्री
शाहबाद में तो 24 घंटे में चलती हैं मात्र दो बसें
जागरण संवाददाता, शाहबाद : रोडवेज की खटारा बसों का संचालन बंद करा दिया गया है। इससे यात्रियों को दिक्कत हो रही है। शाहबाद में भी बसें कम होने के कारण यात्री परेशान हैं। जिला मुख्यालय जाने के लिए भी 24 घंटे में मात्र दो बसें हैं। वहीं शाम को मुख्यालय जाने के लिए भी कोई रोडवेज बस न होने से सरकारी कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
शाहबाद में रोडवेज बस स्टैंड को लेकर काफी समय से मांग उठाई जा रही है। रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण अब तक नहीं हो सका। हालांकि इस संबंध में कई बार लोगों ने बस स्टैंड निर्माण की मांग की है। रामपुर डिपो, पीतल नगरी डिपो की नगर से करीब दर्जनभर बसों का भी पूरे दिन आवागमन नहीं रहता। अब भी यात्रियों को सड़क पर खड़े होकर बसों का इन्तजार करना पड़ता है। रोडवेज बस स्टैंड न होन से आने जाने वाली बसों का समय तय नहीं है। ऐसी स्थिति में यात्रियों को काफी देर सड़क किनारे खड़े होकर परेशानी का सामना करना पड़ता है। ठंड में यात्रियों को परेशानी हो रही है। वैसे नगर में प्राइवेट बसों का भी संचालन होता है। इनका भी कोई निजी बस स्टैंड नहीं है। सड़कों पर ही खड़े होकर ही सवारियां भरी जाती हैं। शाम होने पर प्राइवेट बसों का संचालन बंद हो जाता है। ऐसे में नगर से बाहर जाने व आने के लिए साधन जुटाना टेढ़ी खीर हो जाता है। क्षेत्र मुरादाबाद, सम्भल, बदायूं, बरेली चार जनपदों की सीमा से लगा हुआ है। इन सभी मार्गों पर प्राइवेट बसों का संचालन होता है। जिला मुख्यालय जाने के लिए 24 घंटे में मात्र दो रोडवेज बसें ही संचालित होती हैं। नगरवासियों ने कई मर्तबा नेताओं, अधिकारियों से भी मांग की, लेकिन अभी तक इस ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। मुख्यालय से प्रतिदिन नगर आने वाले सरकारी कर्मचारियों को सुबह मुख्यालय से तो बसें मिल जाती हैं, लेकिन शाम तक आफिस में काम कर वापस जाने के लिए नगर से शाम चार बजे के बाद कोई रोडवेज बस संचालित नहीं होती है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एआरएम कपिल वाष्र्णेय का कहना है कि दिल्ली में पुरानी बसों का प्रदूषण को लेकर चालान किया जा रहा है। इस कारण रामपुर की 11 पुरानी बसों का संचालन बंद किया गया है। इन्हे ठीक कराया जा रहा है। शाहबाद से होकर तीन बसें दिल्ली जाती थीं, अब दो बसें जा रही हैं। इसके अलावा ढकिया के लिए भी बस चल रही है। वह चेकिग कराएंगे और शाम पांच बजे के बाद भी बस चलवाएंगे। प्रतिदिन रामपुर से विद्यालय आते हैं एवं शाम को जाते हैं। दोनों समय में रोडवेज न मिलने के कारण प्राइवेट बस से ही सफर करना पड़ता है। घर पहुंचते-पहुंचते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हरद्रारी सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज। रोडवेज बस स्टैंड न होने से सड़क पर बच्चों के साथ में खड़े होने में असुविधा रहती है। रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण जल्द होना चाहिए। रात में भी बसों का आवागमन होना चाहिए।
धर्मसिंह यादव। रोडवेज बस स्टैंड न होने से बसों का समय भी तय नहीं है। अक्सर बसों का इन्तजार करना पड़ता है। रोडवेज बस स्टैंड होने पर बसों का समय भी निश्चित होगा। शाम पांच बजे के बाद मुख्यालय के लिए कोई बस नहीं जाती है।
परशुराम शर्मा, भाकियू जिलाध्यक्ष। रोडवेज बस स्टैंड न होने से बसे सड़क पर ज्यादा देर खड़ी नहीं होती हैं, जाम की स्थिति बन जाती है। बस स्टैंड निर्माण होने पर बसें कुछ देर वहां खड़ी हो सकती हैं। उसका विभाग और यात्रियों दोनों को लाभ होगा।
शिशपाल सिंह।