Move to Jagran APP

कानूनविद बोले, सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक

कानूनविद बोले सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 11:53 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 11:53 PM (IST)
कानूनविद बोले, सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक
कानूनविद बोले, सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक

जागरण संवाददाता, रामपुर: सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कानूनविदों ने ऐतिहासिक बताया है। कहा कि इस फैसले से बरसों पुराने विवाद का निपटारा हो गया है। लोगों को भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की दिशा में काम करना चाहिए।

loksabha election banner

यह फैसला सर्वमान्य है। इस फैसले से किसी की हार नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले ने सालों से चला आ रहा विवाद समाप्त कर दिया है। अब हमारा कर्तव्य बनता है कि फैसले का पालन करें। कानून में विश्वास रखें और सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखें।

राजेंद्र प्रसाद लोधी, अध्यक्ष बार एसोसिएशन। सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्म भूमि एवं बाबरी मस्जिद प्रकरण में ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसका हम सभी स्वागत करते हैं। यह ऐसा फैसला है, जिसने दोनों पक्षों का सम्मान किया है। देश को एकता के सूत्र में बांधते हुए फैसला किया है। फैसले में दोनों पक्षों की आस्था को बराबर सम्मान दिया गया है।

श्याम लाल, पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन। सुप्रीम कोर्ट का फैसला संतुलित है। देश के हित में है। लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया गया है। हम सभी को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए। इस फैसले में न किसी पक्ष की जीत हुई है और न किसी पक्ष की हार, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे एक विवाद का हल निकला है।

दलविदर सिंह डम्पी, जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी)। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड को इसमें पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। उन्होने लोगों से भाईचारा और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।

मोहम्मद जमीर रिजवी, अधिवक्ता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.