बिजली चोरी में रामपुर शहर टाप पर
रामपुर बिजली विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद शहर में बिजली चोरी कम नहीं हो पा रही है। यहां लाइनलास सर्वाधिक होता है। हालांकि इसे नियंत्रित करने को विभाग के अधिकारियों के द्वारा काफी प्रयास किए गए लेकिन सुधार नहीं हो पाया। कई फीडरों पर यहां लाइनलास 90 प्रतिशत रहता है जिसे लेकर विभागीय अधिकारी भी चितित हैं।
रामपुर : बिजली विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद शहर में बिजली चोरी कम नहीं हो पा रही है। यहां लाइनलास सर्वाधिक होता है। हालांकि इसे नियंत्रित करने को विभाग के अधिकारियों के द्वारा काफी प्रयास किए गए, लेकिन सुधार नहीं हो पाया। कई फीडरों पर यहां लाइनलास 90 प्रतिशत रहता है, जिसे लेकर विभागीय अधिकारी भी चितित हैं।
जनपद में बिजली विभाग के चार डिवीजन हैं, लेकिन बिजली चोरी में रामपुर शहर डिवीजन सबसे आगे है। यह डिवीजन जिला मुख्यालय वाला नगरीय क्षेत्र का है। बाकी तीन डिवीजन में स्वार-टांडा को रामपुर द्वितीय और तृतीय मिलक-शाहबाद और चतुर्थ बिलासपुर है। रामपुर प्रथम को ही शासन के शेडयूल निर्धारण के हिसाब से 24 घंटे की आपूर्ति दिए जाने का प्रावधान है। अधिक लाइनलास के कारण ही यहां लोकल फाल्ट की समस्या बनी रहने से उपभोक्ताओं को पूरे 24 घंटे की आपूर्ति का लाभ भी नहीं मिल पाता। अभी नवंबर में ही विभाग को रामपुर प्रथम डिवीजन से पांच करोड़ रुपये का राजस्व कम प्राप्त हुआ। हर माह 18 करोड़ की आय वाले इस डिवीजन की जेब में इस बार 13 करोड़ ही आ पाए। हालांकि खपत बराबर उतनी ही बनी रही।
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सबसे अधिक लाइनलास
जासं, रामपुर : पनवड़िया स्थित 132 केवीए बिजलीघर से शहर को 13 फीडर बनाकर आपूर्ति दी जाती है। इनमें पहाडी गेट, बिलासपुर गेट, शाहबाद गेट, रजा इंटर कालेज, किला, थाना गंज, नवाब गेट समेत आठ फीडर ऐसे हैं, जहां लाइनलास 60 से 90 प्रतिशत रहता है। 90 प्रतिशत के लिए पहाडी गेट व रजा इंटर कालेज व शाहबाद गेट जाने जाते हैं। सिविल लाइन व कोर्ट फीडर पर सबसे कम लाइनलास 10 प्रतिशत तक रहता है। इसी तरह ज्वाला नगर समेत अन्य तीन फीडरों पर भी 20-25 प्रतिशत ही लाइनलास रहता है।
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30 मिलियन यूनिट की खपत
जासं, रामपुर : पनवडिया बिजलीघर से शहर को इस समय एक माह में 30 मिलियन यूनिट आपूर्ति दी जा रही है। जबकि गर्मी में जब अधिक खपत होती है तो 50 30 मिलियन यूनिट आपूर्ति तक दी जाती है।
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रामपुर प्रथम डिवीजन में लाइनलास अधिक है। कई फीडर पर 60 से 90 प्रतिशत तक लाइनलास रहने के कारण विभाग में इस डिवीजन की पहचान सर्वाधिक बिजली चोरी वाले डिवीजन में होने लगी है। इस पर नियंत्रण को समय समय पर संयुक्त टीमें बनाकर अभियान भी चलाया जाता है ताकि लाइनलास कम कर अधिक राजस्व प्राप्त किया ज सके।
भीष्म सिंह, अधिशासी अभियंता, प्रथम