जन्मोत्सव पर किया रामायण का पाठ
रामपुर श्री त्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ एवं परमहंस भारतीय महायोग शोध संस्थान में आदि कवि महर्षि
रामपुर : श्री त्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ एवं परमहंस भारतीय महायोग शोध संस्थान में आदि कवि महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार मंदिर में महायोगी आचार्य वासंतेय ने महर्षि वाल्मीकि रामायण का पाठ किया। महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव तथा शारदीय पूर्णिमा के अवसर पर 51 दीप प्रज्ज्वलित किए गए।
इस अवसर पर आचार्य वासंतेय ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि पूर्व जन्म के संस्कार के कारण पांच ऋषियों ने आकर वाल्मीकि जी को राम मंत्र का दान दिया। दीक्षित होने के बाद महर्षि जी ने घोर तपस्या की। एक बार वह अपने शिष्य भारद्वाज के साथ तमसा नदी में स्नान करने के लिए गए। वहां उन्होंने क्रौंच पक्षी के जोड़े को नदी में अलंगिग प्रसन्न मुद्रा में देखा। तभी वहां एक बहेलिया ने नर पक्षी को मार डाला। करुणा से भरे प्रसंग के कारण महर्षि के शब्दों से संस्कृत भाषा का आदि छंद फूट पड़ा। इस छंद को उन्होंने नारद जी को सुनाया। तभी ब्रह्मा जी ने लौकिक संस्कृत में रामायण लिखने का निर्देश वाल्मीकि को दिया। इस पर उनके हृदय से करुणा, दयामय ममता से भरा हुआ रामचरित प्रासंगिक हो गया और विश्व का अद्वितीय प्रथम ग्रंथ रामायण लिखा। इस दौरान मंदिर में सभी ने वाल्मीकि स्तुति, पूजन-अर्चन कर आरती की। इस मौके पर विनय शर्मा, प्रदीप भारद्वाज, ओमपाल सिंह सैनी, सुनीता सिंह सैनी, गौरव गुप्ता, पंकज अग्रवाल, सुरेश वाल्मीकि, रजत, सुनीता सैनी आदि मौजूद रहे।