पुलिस और आबकारी टीम का छापा, 25 हजार लीटर अल्कोहल से भरा टैंकर पकड़ा
शराब के अवैध कारोबार में इस्तेमाल होता है ईएनए मास्टर माइंड समेत तीन गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, रामपुर : पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने जिले में कच्ची शराब के अवैध धंधे का भंडाफोड़ किया है। इस धंधे के मास्टर माइंड समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। मास्टर माइंड फर्जी कागजों के जरिए दूसरे राज्यों से शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाला ईएनए (एक्सट्रा न्यूट्रल अल्काहोल) खरीदता था। बाद में उसे कैनों में भरकर रामपुर समेत आसपास के शहरों में सप्लाई करता था। इस अल्काहोल की शुद्धता बहुत ज्यादा होती है। इसकी थोड़ी सी मात्रा से कई लीटर कच्ची शराब बनाई जा सकती है।
पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम ने बताया कि शुक्रवार को सूचना पर शहजादनगर थाना, एसटीएफ और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम गठित कर हाईवे पर कमोरा गांव स्थित शिव शक्ति धर्मकांटे पर पहुंची। यहां धर्मकांटे के पीछे एक गोदाम में छापा मारा तो वहां ईएनए से भरा हुआ टैंकर खड़ा था। गोदाम में कुछ लोग ड्रमों और केन में टैंकर से ईएनए निकालकर भर रहे थे। पास में ही एक पिकअप गाड़ी खड़ी थी। उसमें भरी हुई केन रखी थीं। इन केनों में 450 लीटर ईएनए भरा जा चुका था। टीम को देख वहां मौजूद लोगों ने भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। मौके से 25 हजार लीटर ईएनए मिला। पकड़े गए लोगों में शहजादनगर थाना क्षेत्र के धमोरा गांव का राजेंद्र सक्सेना राजू पुत्र राम बहादुर, धमोरा का अखिलेश मौर्य पुत्र जमुना प्रसाद और टांडा थाना क्षेत्र के नसीमगंज गांव का राजेंद्र पुत्र राम प्रसाद हैं। पूछताछ में राजू ने बताया कि वह कई साल से अवैध शराब का कारोबार कर रहा है। कूटरचित दस्तावेज तैयार कराकर ईएनए अपने गोदाम तक मंगवाकर उसे बाद में रामपुर समेत आसपास के जिलों में बेच देता था। दूसरे आरोपित राजेंद्र ने बताया कि वह ड्राइवर है और राजू के कहने पर ईएनए लाकर उनके गोदाम पर पहुंचाता है। यह ईएनए वह पंजाब से लेकर आया था। इसके बदले उसे मोटी रकम मिलती थी। तीसरा आरोपित अखिलेश राजू के गोदाम पर काम करता है। अवैध शराब के धंधे का पुराना खिलाड़ी है राजू
रामपुर : धमोरा के जिस राजू को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वह अवैध शराब के धंधे का बहुत पुराना खिलाड़ी है। वह कई बार जेल जा चुका है, लेकिन बाहर आते ही फिर धंधा शुरू कर देता है। उसकी पुलिस कर्मियों से भी तगड़ी सेटिग रहती है। यही वजह है कि वह आसानी से हाथ नहीं आता है और पकड़ा भी जाए तो सेटिग करके बच निकलता है या अपने स्थान पर किसी चेले को नामजद कराकर जेल भिजवा देता है। इससे पहले वर्ष 2013 में उसे तत्कालीन सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी राघव राम मिश्रा ने एसओजी की मदद से टैंकरों से अल्काहोल निकालते पकड़ा था। तब उसके पास से भारी मात्रा में चरस भी मिली थी। उसे जेल भेज दिया था, लेकिन जमानत पर वह बाहर आ गया। उसके खिलाफ कई बार आबकारी पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए। इसके अलावा शहजादनगर थाना, सिविल लाइंस कोतवाली, मुरादाबाद के भगतपुर थाने, बिजनौर के नूरपुर थाने आदि में भी मुकदमे दर्ज हुए हैं।