दस लाख की धोखाधड़ी में लखनऊ की कंपनी के अधिकारी फंसे
सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया मुकदमा
जागरण संवाददाता, रामपुर : रिटेलरशिप देने के नाम पर 10 लाख की धोखाधड़ी में लखनऊ की कंपनी के चेयरमैन और एमडी समेत चार अधिकारी फंस गए हैं। सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने अदालत के आदेश पर चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा डीसीडीएफ भवन निवासी सचिन सक्सेना की शिकायत पर हुआ है। उनके पिता गिरीश चन्द्र सक्सेना लोक निर्माण विभाग में स्टोनो थे। सेवानिवृत्ति के बाद वर्ष 2016 में लखनऊ की सफल शक्तिटेक एग्रो कंपनी ने उनसे एग्रीमेंट किया। यह कंपनी रामपुर में कीटनाशक आदि बेचने के लिए रिटेलरशिप दे रही थी। इसके बदले कंपनी ने उनसे सिक्योरिटी के रूप में 10 लाख रुपये जमा कराए। यह रकम उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद मिले फंड से अदा की थी। कंपनी ने यहां कार्यालय खोलने और स्टाफ रखने का भी वादा किया था। हालांकि कंपनी ने उन्हें कोई स्टाफ नहीं दिया। माल की बिक्री में उन्हें कमीशन देने की बात भी तय हुई थी। कंपनी ने कुछ समय कमीशन दिया। इसके बाद माल भेजना बंद कर दिया। उन्होंने कंपनी से संपर्क किया तो कंपनी के अधिकारी टालते रहे। बाद में उनकी तबीयत खराब हो गई और वर्ष 2017 में उनका निधन हो गया। उनके बेटे सचिन सक्सेना ने कंपनी से एग्रीमेंट खत्म करते हुए अपनी सिक्योरिटी मनी लौटाने को कहा। पहले तो अधिकारी बहाने बनाकर टालते रहे। कई बार कंपनी के अधिकारी उनके घर भी आए। पैसे लौटाने को कहा तो अधिकारियों ने साफ मना कर दिया और धमकी दी। उन्होंने पुलिस में शिकायत की। कार्रवाई न होने पर उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। सिविल लाइंस कोतवाल राधेश्याम ने बताया कि कंपनी के चेयरमेन एसवी गोस्वामी, सीएफओ एसके श्रीवास्तव, एमडी शकील अहमद और सेल मैनेजर अरविद सिंह के खिलाफ मुकदमा किया है।