तीन ओवरहैड टैंक का निर्माण नहीं होने से पेयजल बनी समस्या
60 हजार से अधिक है आबादी 25 वार्डों में नहीं पहुंच रहा है पानी
जागरण संवाददाता, टांडा : निर्माणाधीन तीन ओवरहैड टैंक का निर्माण कार्य पूरा न होने से नगर में पेयजल समस्या लगातार बनी है। पालिका द्वारा बड़ी मात्रा में समरसेबल पंप लगाए हैं। वे भी पानी की समस्या को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। तीनों ओवरहैड टैंकों का निर्माण कार्य मार्च 2018 में पूरा होना था। नगर में एकमात्र ओवरहैड टैंक है जो कि जनसंख्या को पानी की पूर्ति नहीं कर रहा है। टैंक मात्र सवा लाख गैलेन पानी की क्षमता का है। 10.12 हजार जनसंख्या के लिए बना था। आज जनसंख्या साठ हजार से भी अधिक है। वर्तमान में आवश्यकता ऐसे छह ओवरहैड टैंक की है। पर्याप्त ओवरहैड टैंक न होने से नगरवासियों को लगातार पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता है। नगर के 25 वार्डों में पेयजल पूरी तरह सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। मुहल्लों में पानी सुचारू व प्रेशर के साथ नहीं पहुंच पाता है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पालिका द्वारा पेयजल व्यवस्था बनाए रखने को चार बड़े नलकूप लगाए हैं। जलकल परिसर, जनता राइस मिल के पास, शाही मस्जिद के पास व सीएचसी परिसर में हैं। बड़ी संख्या में समरसेबल पंप भी लगाए हैं। इसके बावजूद पानी की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। पर्याप्त मात्रा में ओवरहैड टैंक न होने के कारण पानी मे पाउडर आदि भी नहीं मिल पाता है, बल्कि पानी सीधा सप्लाई किया जाता है। पर्याप्त मात्रा में पानी स्टाक न होने से भी दिक्कत आती है। बिजली आने पर ही पानी मिल पाता है। अन्यथा जनरेटर से कम समय पानी सप्लाई किया जाता है। जल निगम की ओर से तीन बड़े ओवरहैड टैंको का निर्माण कार्य चल रहा है। मुहल्ला दुलीवाला, मुहल्ला मोतीनगर व मुहल्ला मरघटी में हैं। विभाग द्वारा तीन वर्ष से अधिक समय होने के बाद भी ओवरहैड टैंकों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। निर्माणाधीन ओवरहैड टैंक पूरा होने से पहले टपकने भी लगे हैं। ऐसी स्थिति में यदि नगर पालिका को सौंपे जाते हैं तो पालिका के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी। पानी की पूर्ति करने के बजाय वह इनकी मरम्मत कराने में ही जुट जाएगी। महनाज जहां पालिकाध्यक्ष ने बताया कि पेयजल समस्या का समाधान करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। समरसेबल पंप भी काफी मात्रा में लगाए हैं। ओवरहैड टैंक पूरा कर पालिका को सौंपने को कई बार जलकल विभाग को लिखा है। ओवरहैड टैंक न सौंपने से अभी पानी की समस्या बाकी है। पानी स्टाक होने पर ही समस्या का हल निकलेगा। बिजली आने पर ही पेयजल सुचारू रूप से मिलता है। बिजली न होने पर दिक्कत आती है। प्रेशर से भी पानी नहीं मिल पाता है।
राम रतन सैनी। पुराना ओवरहैड टैंक कम क्षमता का है, जबकि नगर में इससे बड़े कई और टैंकों की आवश्यकता है। निर्माणाधीन ओवरहैड टैंक समय से बनकर शुरू हो जाएं तो पेयजल की समस्या काफी कम हो जाएगी।
लोकमन। नगरवासियों को स्वच्छ पेयजल न मिलने से संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। पेयजल की समस्या का हल यही है कि पानी का स्टॉक होना जरूरी है। उस पानी में समय से दवा डाली जा सके।
होरी लाल सैनी। ओवरहैड टैंक का निर्माण तो करीब पूरा हो चुका है। वह जलकल विभाग की लापरवाही के चलते शुरू होने से पहले ही टपकना शुरू हो गया है। कई स्थानों से लीकेज भी है। दो वर्ष पूरे होने के बाद भी पालिका को हैंडओवर नहीं किया गया है। बिजली के न होने पर पालिका द्वारा पानी स्टॉक नहीं हो पाता है। नगरवासियों को नियमित समय पर पानी नहीं मिल पाता है।
तरुण सैनी, सभासद।