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सपा की बैठक में अफसरों के खिलाफ निदा प्रस्ताव पास

समाजवादी पार्टी की बैठक में आजम खां से जान का खतरा बताने वाले प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ निदा प्रस्ताव पास किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 02:26 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 06:23 AM (IST)
सपा की बैठक में अफसरों के खिलाफ निदा प्रस्ताव पास
सपा की बैठक में अफसरों के खिलाफ निदा प्रस्ताव पास

रामपुर : समाजवादी पार्टी की बैठक में आजम खां से जान का खतरा बताने वाले प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ निदा प्रस्ताव पास किया गया। साथ ही मंडलायुक्त को ज्ञापन भेजकर इन अफसरों को पदमुक्त किए जाने की मांग की गई।

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शुक्रवार को सपा कार्यालय पर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार यादव ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचाने के लिए हर संभव कोशिश की गई। नगराध्यक्ष आसिम राजा ने कहा कि अफसरों ने मनमानी की हदें पार कर दी हैं। अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता, नगर मजिस्ट्रेट सर्वेश कुमार गुप्ता और उपजिलाधिकारी सदर प्रेमप्रकाश तिवारी ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर आजम खां से जान का खतरा जताया है, जो निदनीय है। बैठक में तमाम पदाधिकारियों ने इन अफसरों के खिलाफ निदा प्रस्ताव पास किया। बैठक के बाद मंडलायुक्त को ज्ञापन भेजा गया, जिसमें कहा है कि प्रशासन ने चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में खुलकर काम किया और सपा प्रत्याशी आजम खां की सुरक्षा के लिए संकट पैदा कर रामपुर में भय का माहौल पैदा किया। रामपुर में भय और आतंक का माहौल बनाने के प्रयास अब भी जारी हैं। एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम ने स्वयं अपनी सुरक्षा पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए अपनी जान का खतरा बताया है। इन अफसरों ने एसपी को लिखे अपने पत्रों में सीसीटीवी कैमरे में कुछ लोगों के होने की बात कही है। हमारी मांग है कि इनके आवासों पर लगे सभी कैमरों की जांच कराई जाए। हमें लगता है कि खनन माफिया और हिस्ट्रीशीटर का इनके यहां आना-जाना लगा रहता है। यह भी विचारणीय है कि अगर अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम आदमी कैसे सुरक्षित होंगे। इसलिए प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा दी जाए। इन अधिकारियों द्वारा मतगणना को प्रभावित करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। यह सब जिलाधिकारी के नेतृत्व में हो रहा है। आजम खां नौ बार विधायक और बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इतने वरिष्ठ नेता के खिलाफ प्रशासनिक अधिकारियों का यह षड्यंत्र निदनीय और चिता का विषय है। सार्वजनिक रूप से खुद को असुरक्षित बताने वाले इन अधिकारियों की प्रशासनिक सेवाएं तुरंत समाप्त करने की कार्रवाई की जाए, क्योंकि यह अधिकारी स्वयं को अयोग्य घोषित कर चुके हैं। इन्हें मतगणना के कार्यों में भी न लगाया जाए। ज्ञापन पर जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार, नगराध्यक्ष आसिम राजा, पूर्व विधायक विजय सिंह, पालिकाध्यक्ष पति अजहर अहमद खां, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मशकूर अहमद मुन्ना व लाखन सिंह, मिलक की चेयरमैन केतकी गंगवार, बिलासपुर के चेयरमैन मुहम्मद हसन खां, मिलक के पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रमोद गंगवार, शाहबाद के पूर्व चेयरमैन मतलूब अहमद, फसाहत अली खां शानू, डॉक्टर अमित शर्मा, अमरजीत सिंह आदि के हस्ताक्षर हैं।


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