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नवाबों के पास थी रिमोट से चलने वाली कार, दूध से होती थी बाग की सिंचाई Rampur News

रोहेला के 250 साल के इतिहास में इस खानदान ने बहुत कुछ दिया है। खासबाग की पहचान को लेकर लोगों में चिंता है। नवाब ने अपनी काफी संपत्ति समाजहित में दे दीं थीं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 07:15 AM (IST)
नवाबों के पास थी रिमोट से चलने वाली कार, दूध से होती थी बाग की सिंचाई  Rampur News
नवाबों के पास थी रिमोट से चलने वाली कार, दूध से होती थी बाग की सिंचाई Rampur News

मुरादाबाद, जेएनएन। इन दिनों रामपुर के नवाब की खानदानी संपत्ति का बंटवारा देश-दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। तिजोरी, मालखाने और शस्त्रागार के ताले खोले जा रहे हैं। सब कुछ कैमरे की नजर में हो रहा है। आखिर रियासत को 16 हिस्सों में जो बांटा जाना है। नवाबों के बीच छिड़ी हक और संपत्ति के बंटवारे जंग के बीच उनकी यानी रामपुर के लोगों की खामोशी कुछ अलग बयां कर रही है। हामिद और किला गेट से उनकी बयानी को पेश कर रहे हैं आशुतोष मिश्र...

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मिक्की मियां जब संसद में बोलते थे तो रामपुर का नाम होता था

किला गेट के रहने वाले परमेश्वरी लाल ने बताया कि उनकी जूते की दुकान है। किले के पश्चिमी गेट पर हमारे परिवार के लोगों का समय गुजरा। नवाब हामिद अली और नवाब रजा अली खां के बारे में काफी कुछ सुना है। मिक्की मियां यहां से पांच बार सांसद बने। वह संसद में बोलते थे तो रामपुर का नाम होता था। अब बंटवारा हो रहा है। ये सुनने से मन दुखी हो रहा है लेकिन, हम लोग क्या कर सकते हैं।

गुलाबी रंग की पतंग के हो गए थे मुरीद

हामिद गेट के पास दुकान चलाने वाले वसीउद्दीन का कहना है कि बात करीब सौ साल पुरानी है। उन्होंने अपने दादा से सुना था कि नवाबों के दरबार में एक गुलाबी रंग की पतंग आ गई थी। इस पर नवाब उसके मुरीद हो गए थे और उसकी ओर बढ़ चले थे। वह दौर यादगार रहा होगा।

आम के बाग की सिंचाई दूध से होती थी

मुतीउर्रहमान उर्फ बबलू खां बताते हैं कि नवाब मिक्की मियां जब किले से बाहर निकलते थे, तो शहर में पानी का छिड़काव होता था। वह खुली जीप से शहर में निकलते थे। कभी लक्खी बाग तक तो कई बार अन्य जगह जाते थे। सुना है कि लक्खीबाग में आम के बाग में दूध से पौधे की सिंचाई होती थी, क्यारियों में दूध भरा जाता था, ताकि आम का स्वाद मीठा हो। अब तो बंटवारा हो रहा है।

नवाबी दौर में सुरक्षा को लेकर नहीं था कोई खतरा

नालापार के रहने वाले राजाराम का कहना है कि रामपुर की पहचान दुनिया में नवाब के नाम से थी। इस शहर में हर तरह की सुविधा थी। सुरक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं था। शहजादे खां की लाल कब्र हमने देखी है। नवाब रजा अली खां, नवाब मुर्तजा अली खां और नवाब मिक्की मियां को लोग याद करते हैं। मिक्की मियां कई बार चुनाव लड़े और जीते। अब बंटवारे से मन दुखी है। 

काले रंग की कार से चलते थे

राजद्वारा निवासी अमीर अहमद बताते हैं कि बेगम नूरबानो के ससुर नवाब रजा अली खां किले से कोठी तक जाते थे। उस समय मेरी उम्र कम थी। लक्खी बाग भी जाते थे। काले रंग की कार से चलते थे। वह कार रिमोट से चलती थी। वह दौर काफी अच्छा था। लोग प्यार और मुहब्बत के साथ रहते थे। सभी को इस बात की उम्मीद थी कि कोई अपना है। अभी बेगम हैं, लेकिन अब पुराना दौर नहीं है। 

लोगों से नवाब खानदान का है गहरा रिश्ता

पुराना गंज के शाहिद महमूद बताते हैं कि बंटवारा लीगल मामला है लेकिन, रामपुर के लोगों से इस खानदान का गहरा रिश्ता है। संपत्ति को लेकर लोगों में भले ही कोई बात और प्रतिक्रिया न मिले, लेकिन नवाब साहब से लोगों का भावनात्मक लगाव अब भी है। 


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