बंदरों के झुंड ने निर्माणाधीन मकान की गिराई दीवार, दो मासूम गंभीर
घायलों में इरशाद कक्षा दो और अल्फाज कक्षा एक का छात्र नमाज पढ़कर पैदल घर लौट रहे थे दोनों हालत नाजुक होने पर बरेली रेफर
जागरण संवाददाता, मिलक : निर्माणाधीन मकान की दीवार पर उछल-कूद मचा रहे बंदरों के झुंड ने दीवार को गिरा दिया। गली से गुजर रहे दो मासूमों के ऊपर दीवार गिर गई, जिसमें वे गंभीर घायल हो गए। चीख पुकार सुनकर मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। आनन-फानन में घायलों को प्राइवेट चिकित्सक के यहां लाया गया। उनकी हालत नाजुक देख बरेली रेफर कर दिया गया। परिजन दोनों मासूमों को बेहतर इलाज के लिए अपने साथ बरेली ले गए।
मुहल्ला रौराकलां निवासी इरशाद मंसूरी के घर से सटे खालिद का घर है। इन दिनों खालिद के मकान की छत पर दीवार निर्माण का कार्य चल रहा था। शुक्रवार की शाम साढ़े चार बजे बंदरों का झुंड निर्माणाधीन मकान पर पहुंचा और दीवार पर बैठकर उछल-कूद मचाने लगा। बंदरों के उछल कूद मचाने पर छत पर बनी दीवार नीचे आ गिरी। हादसे के समय गली से इरशाद मंसूरी का सात वर्षीय पुत्र शानिव और उसके पड़ोसी अल्ताफ का छह वर्षीय पुत्र अल्फाज गुजर रहे थे। दोनों मासूम बंदरों द्वारा गिराई गई दीवार के नीचे आकर दब गए। जोरदार धमाके और मासूमों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। ग्रामीणों ने दीवार के मलबे को हटाकर उसके नीचे दबे दोनों मासूमों को बाहर निकाला। सूचना पाकर परिजन भी घटनास्थल पहुंचे।वहां का ²श्य देख चित्कार मचाने लगे। ग्रामीणों की सहायता से परिजन घायलों को प्राइवेट वाहन से प्राइवेट चिकित्सक के यहां ले गए। दोनों की हालत नाजुक देख उन्हें रेफर कर दिया गया। परिजन बेहतर इलाज के लिए दोनों को अपने साथ बरेली ले गए।
ग्रामीणों ने बताया कि मुहल्ले से सटी नवीन मंडी समिति है। यहां सैकड़ों की तादात में बंदरों के झुंड रहते हैं। बंदर खाने-पीने की वस्तुओं की तलाश में आबादी में घुस जाते हैं। बंदरों के झुंड राह चलते लोगों, छोटे मासूम बच्चों और छतों पर बैठे लोगों को कई बार काटकर घायल कर चुके हैं। शिकायत नगरपालिका और एसडीएम से की गई, लेकिन आज तक बंदरों को पकड़ने की कोई भी कोशिश शासन या प्रशासन द्वारा नहीं की गई। आखिरकार वही हुआ, जिसका डर था। शुक्रवार को बंदरों के झुंड ने निर्माणाधीन दीवार को गिरा दिया। दोनों मासूम बरेली के प्राइवेट अस्पताल में जिदगी और मौत से जूझ रहे हैं। घायलों के परिजनों ने बताया कि इरशाद कक्षा दो का छात्र। वहीं अल्फाज कक्षा एक में पढ़ रहा था। दोनों नमाज पढ़कर पैदल घर लौट रहे थे। छत के ऊपर से बंदरों द्वारा दीवार गिराने से हादसे की चपेट में आ गए।