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फिर शुरू होगी स्वार विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारी

जागरण संवाददाता रामपुर स्वार विधानसभा क्षेत्र में फिर उप चुनाव की तैयारी की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 11:47 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 11:47 PM (IST)
फिर शुरू होगी स्वार विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारी
फिर शुरू होगी स्वार विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारी

जागरण संवाददाता, रामपुर : स्वार विधानसभा क्षेत्र में फिर उप चुनाव की तैयारी की जाएगी। प्रशासन पहले से ही तैयारी कर रहा था। लेकिन, उप चुनाव की घोषणा न होने से मामला लटक गया था। सियासी दल भी तैयारी में जुटे थे। इसी के चलते बसपा प्रत्याशी शफीक अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसपर कोर्ट ने फैसला सुना दिया। स्वार विधानसभा क्षेत्र से 2017 में सांसद आजम खा के बेटे अब्दुल्ला आजम विधायक चुने गए थे। कम उम्र में चुनाव लड़ने के कारण 16 दिसंबर 2019 को उनकी विधायकी रद कर दी। इस फैसले के बाद अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। लेकिन, कोरोना के चलते मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले की सुनवाई के लिए 27 अक्टूबर लगी है।

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विधानसभा सचिवालय द्वारा भी उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी गई। हाईकोर्ट के फैसले को छह माह से ज्यादा हो गए। इसलिए सियासी दलों ने उप चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। कांग्रेस और बसपा ने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए। लेकिन, भारत निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव की घोषणा नहीं की, जबकि 29 सितंबर को अन्य स्थानों पर उप चुनाव की घोषणा कर दी। इसी को लेकर बसपा प्रत्याशी शफीक अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इस मामले में हाईकोर्ट में नियुक्त मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने जिलाधिकारी से भी जानकारी मांगी। जिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हाईकोर्ट द्वारा अब्दुल्ला आजम की विधायकी रदद कर दी गई है और विधानसभा सचिवालय द्वारा भी उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी गई है। उप चुनाव की अधिसूचना जारी करना भारत निर्वाचन आयोग के क्षेत्राधिकार में निहित है। इस संबंध में उनके स्तर से कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। श्री अंसारी ने बताया कि इस मामले में 21 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी और 22 को भी सुनवाई हुई है। हाई कोर्ट ने चुनावी प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि हम पहले से ही चुनाव कराने को तैयार हैं। आयोग का आदेश मिलते ही चुनाव करा दिया जाएगा।

आयोग और याची की ओर से रखी गई दलीलें

विसं, प्रयागराज : हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से आपत्ति की गई कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित है। दूसरे याची ने चुनाव आयोग को कोई प्रत्यावेदन नहीं दिया है इसलिए याचिका पोषणीय नहीं है। याची के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई स्थगन आदेश पारित नहीं है। हाईकोर्ट को इस मामले में सीधे सुनवाई कर आदेश पारित करने का अनुच्छेद 226 में अधिकार है। राज्य सरकार का कहना था कि चुनाव अधिसूचना जारी करना भारतीय निर्वाचन आयोग का काम है। राज्य सरकार स्वार सीट को रिक्त घोषित कर चुकी है।


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