आखिर शाहबाद में पकड़ा गया तेंदुआ
सात घंटे की मशक्कत के बाद पकड़ में आया मैंथा की टंकी में बैठा था छिपकर फोटो 30 से 32
जागरण संवाददाता, शाहबाद : महीनेभर से जिले में आतंक मचाए तेंदुआ आखिरकार रविवार को शाहबाद में पकड़ लिया गया। मैंथा की टंकी में छिप गया। सूचना पाकर पहुंची वन विभाग की टीम ने सात घंटे की मशक्कत के बाद तेंदुए को ट्रेकुलाइ•ा्ड कर पकड़ लिया। इस दौरान क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
कोतवाली क्षेत्र के ग्राम भरतपुर के जंगल में गंगादयाल की मैंथा की टंकी है। रविवार सुबह वह अपने बेटे अर्जुन के साथ टंकी पर पहुंचा। मैंथा की चिमनी में झांककर देखा तो उसमें तेंदुआ नजर आया। उसे देख गंगा दयाल के होस उड़ गए। फौरन ही कोतवाली पुलिस को सूचना दी। पुलिस भी तत्काल मौके पर पहुंच गई। वन विभाग के अफसरों को भी सूचित किया गया। जानकारी मिलते ही डीएफओ एके कश्यप अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। तेंदुए को देखकर मैंथा टंकी की चिमनी को सभी तरफ से बंद कर दिया। इसके बाद टीम ने चारों और जाल बिछा दिया। लगभग पांच घंटे के बाद बरेली से रुहेलखंड के वन अधिकारी ललित शर्मा पहुंचे। बाद में पीलीभीत से पहुंचे डॉक्टर राजुल सक्सेना, एसके राठौर ने तेंदुए को गन से ट्रेकुलाइज्ड किया। इसके साथ ही तेंदुआ बेहोश हो गया। इसके बाद में टीम ने चिमनी के बराबर से गड्ढा खोदकर उसे बाहर निकाला। पिजरे में बंदकर मिलक की नर्सरी भेजा गया। श्री वर्मा ने बताया की तेंदुआ जख्मी है। उसे मिलक नर्सरी में रखकर इलाज किया जाएगा। महीनेभर से मचाए था आतंक
जिले में तेंदुए ने महीनेभर से आतंक मचा रखा था। उसने स्वार, बिलासपुर और दढि़याल क्षेत्र में कई बार हमला भी किया। सबसे पहले राज्यमंत्री बल्देव सिंह औलख के गांव में तेदुआ नजर आया था। इसके बाद दढि़याल क्षेत्र में भी कई बार देखा गया। यहां सीआरपीएफ जवान पर भी हमला किया। एक कुत्ते को जान से मार डाला। इसके डर की वजह से लोग अपने खेतों पर जाने से भी कतरा रहे थे। शाम ढलते ही घरों में कैद हो जाते थे। आखिरकार तेंदुआ वन विभाग की पकड़ में आ गया।