तहसीलों में भी न्यायिक कार्य से विरत रहे वकील
तहसीलों में भी न्यायिक कार्य से विरत रहे वकील
टांडा, जासं : बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के आहवान पर बार एसोसिएशन के वकीलों ने न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। उन्होंने अपनी मांगों पर विचार किए जाने की मांग की।
ज्ञापन के माध्यम से वकीलों का कहना था कि प्रदेश सरकार द्वारा वकीलों के हितों के लिए जारी योजनाओं के अनुसार आवंटित धनराशि दी जाए। वकीलों की कल्याण निजी न्यासी समिति से प्राप्त होने वाली धनराशि को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की बात कही थी। सरकार द्वारा अभी तक लागू नहीं किया गया है। सरकार द्वारा नए वकीलों को लाइब्रेरी के लिए पांच हजार रुपये प्रतिवर्ष देने की घोषणा की गई थी। अभी लागू नहीं किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा वकीलों के हित मे जो योजनाएं लागू की गईं। उसके अनुसार सरकार की ओर से 40 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अधिवक्ताओं को दिया जाना था। उक्त योजना को भी रोक दिया गया है। रोष व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार वकीलों की योजनाओं को नजर अंदाज करके उदासीनता बरत रही है। कई बार लिखित व मौखिक शिकायत के बावजूद ध्यान नहीं दिया गया। वकीलों ने घोषणाओं को लागू करने की मांग की। अनिल भारद्वाज, जयप्रकाश सैनी, गौरी शंकर वर्मा, जगदीश सिंह चौहान, हर्षवधन गौड़, प्रेम सिंह, मुवश्शर अली, जफरुद्दीन खां, सोमवीर सिंह, तारिक अंसारी, अशोक कुमार, कुंवर पाल सिंह आदि मौजूद रहे। मिलक : उत्तर प्रदेश बार एसोसिएशन के आहवान पर सोमवार को वकील हड़ताल पर रहे। बार सभागार में बैठक हुई। कहा कि प्रदेश में कई वकीलों की हत्या के विरोध व राज्य सरकार द्वारा समुचित सुरक्षा न देने, अभियुक्तों की गिरफ्तारी न होने तथा मृतक वकीलों के आश्रितों को राज्य सरकार द्वारा बार काउंसिल ऑफ यूपी को धन उपलब्ध न कराने, बार काउंसिल द्वारा अधिवक्ताओं को सार्टिफिकेट आफ प्रैक्टिस जारी होने के बाद भी जिला न्यायालयों में जनपद न्यायाधीश द्वारा जारी परिचय पत्र के विरोध में पूरे प्रदेश में बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के आहवान पर वकील विरोध स्वरूप हड़ताल पर हैं। बार एसोसिएशन भी विरोध दर्ज करते हुए कार्य से विरत रहेंगे। बैठक में सहदेव गंगवार, प्रेमपाल, योगेश कुमार बंसल, सुभाष चंद्र आर्य, उमेश सक्सेना, सतीश चंद्र गंगवार, श्रीराम राठौर आदि मौजूद रहे।