बच्चों को पढ़ा रहे पर्यावरण बचाने का पाठ
बचों को पढ़ा रहे पर्यावरण बचाने का पाठ
जागरण संवाददाता, रामपुर : लगातार प्रदूषित होता पर्यावरण चिता का विषय बनता जा रहा है। इससे हमारे सामने गंभीर बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है। इसको लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए बच्चों को तैयार किया जा रहा है। जिले के स्कूलों में उन्हें अब पर्यावरण बचाने का पाठ पढ़ाया जा रहा है। पराली जलाने से होने वाले नुकसान से भी उन्हें अवगत कराया जा रहा है, ताकि वे गांव में जाकर लोगों को इसके लिए जागरूक कर सकें। इसके अलावा आसपास स्वच्छता रखने का पाठ भी उन्हें सिखाया जा रहा है। ये स्कूली बच्चे शहर से गांव-गांव पर्यावरण जागरूकता रैली भी निकाल रहे हैं, जिससे किसानों को पराली जलाने से हो रहे नुकसान के बारे में सचेत कर सकें।
फसल काटने के बाद खेत में मौजूद पराली में आग लगा देना अब आम बात हो गई है। किसानों को साधारण सी लगने वाली यह बात बड़ा खतरा बन कर सामने आने लगी है। ऐसा करने से वातावरण में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट को पढ़ कर ही रोंगटे खड़े होने लगते हैं। उधर स्वच्छता को लेकर चलाए जा रहे अभियान के बावजूद लोगों में पूरी तरह जागरूकता नहीं हो पा रही है। गली मोहल्लों में अब भी गंदगी के अंबार लगे नजर आते हैं। वहीं पालिका प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही से समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरत है हम सबके जागरूक होने की। पराली न जलाने एवं वातावरण को गंदा न करने की मुहिम को पूर्णत: सफल बनाने के लिए जागरूकता ही सबसे महत्वपूर्ण हथियार है। इसके लिए स्कूली बच्चे सबसे कारगर साबित हो सकते हैं। प्रशासन द्वारा इसको लेकर पहल शुरू कर दी गई है। स्कूलों में अध्यापकों द्वारा बच्चों को पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सजग रहने की सीख दी जा रही है। उन्हें खेत में पराली जलानी से होने वाले नुकसानों के विषय में भी बताया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि वे गांव में जाकर अपने परिवार व गांव वालों को बताएं कि किस तरह पराली न जला कर पर्यावरण को बचाया जा सकता है। स्कूली बच्चों द्वारा पर्यावरण सुरक्षा को लेकर रैलियां भी निकाली जा रही हैं। पराली न जलाने के स्लोगन भी बच्चों को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सोमवार को भी स्कूलों के हजारों बच्चों ने नगर में मानव श्रंखला बना कर पराली न जलाने का संदेश दिया था। ग्रामीण स्तर पर भी स्कूली बच्चों द्वारा रैलियां निकाल कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पराली जलाने से पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषित हो रहा है। बच्चों को बताया जा रहा है कि वे यह संदेश अपने परिजनों और किसान रिश्तेदारों तक पहुंचाएं ताकि वे धान की कटाई के बाद पराली को खेत में न जला कर उसे खेत की मिट्टी में ही दबा कर मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हुए पर्यावरण को बचाने में अपना सहयोग दें। इसके साथ ही वे लोगों को अपने घरों व आसपास गंदगी न करने की सलाह भी देंगे।
ऐश्वर्या लक्ष्मी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी