¨कचित मात्र भी मेरा नहीं: शास्त्री
बिलासपुर : पंडित अमित जैन शास्त्री ने कहा कि ¨कचित मात्र भी मेरा नहीं है। वह श्री दिगम्बर जैन
बिलासपुर : पंडित अमित जैन शास्त्री ने कहा कि ¨कचित मात्र भी मेरा नहीं है। वह श्री दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित दशलक्षण महापर्व पर्यूषण कार्यक्रम में बोल रहे थे। कहा कि यही उत्तम आ¨कचन धर्म है, जब कोई साधक चारों कषायों एवं पर-पदार्थों का त्याग कर देता है।
अपरिग्रही हो जाता है, यही उत्तम अ¨कचन धर्म की अवस्था है। इससे पहले रोहन जैन ने प्रथम कलश से श्रीजी का अभिषेक किया। बाद में चतुष्कोणीय दिशाओं से कस्तूर चंद्र जैन, प्रियांश जैन, राजीव जैन एवं वीरेश जैन ने अभिषेक किया। विश्व शांति हेतु शांतिधारा नरेंद्र जैन-सचिन जैन ने अर्पित की। मधु जैन ने मंगल आरती की। तत्पश्चात संगीतमय पूजन किया गया। तीन दिवसीय निर्जल उपवास रत्नत्रय व्रत प्रारम्भ हुआ। इसमें मधु जैन, आशी जैन, प्रेमलता जैन, अंशिका जैन, कलिका जैन, सलोनी जैन, तनु जैन ने धारण की। सायंकालीन बेला में आरती के पश्चात दीप्शी जैन एवं सम्यक जैन ने भजन प्रस्तुत किए एवं चिराग जैन ने उत्तम आ¨कचन धर्म पर विचार रखे। उधर अल्पसंख्यक कल्याण एवं ¨सचाई राज्यमंत्री बल्देव ¨सह औलख ने भी श्री मंदिर में प्रभु के दर्शन किए। समाज को महापर्व पर्यूषण की बधाई दी। इस अवसर पर अतिन जैन, संदेश जैन, सुमेर चंद्र जैन, प्रत्यक्ष जैन, आशीष जैन, प्रासुक जैन, अरिहंत जैन, सक्षम जैन, पुष्कर जैन, संजय जैन, कृति जैन, आरती जैन, सुमन जैन, बीना जैन, साधना जैन, पीयूष जैन, अमित जैन, वीरेंद्र जैन, आदेश जैन, संभव जैन, सांस्कृतिक मंत्री प्रियांश जैन आदि मौजूद रहे।