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शहर के बीचोबीच बने हैं तबेले, पशु फैला रहे गंदगी

रामपुर स्वछता के मामले में रामपुर देश में 294 वें स्थान पर है। इसकी कई वजह हैं। लेकिन एक बड़ी वजह शहर के बीचोबीच तबेला होना भी है। इनके कारण सड़कों पर भी गंदगी फैलती है। इनके पशु सड़कों पर गोबर करते रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 10:29 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 10:29 PM (IST)
शहर के बीचोबीच बने हैं तबेले, पशु फैला रहे गंदगी
शहर के बीचोबीच बने हैं तबेले, पशु फैला रहे गंदगी

रामपुर : स्वच्छता के मामले में रामपुर देश में 294 वें स्थान पर है। इसकी कई वजह हैं। लेकिन, एक बड़ी वजह शहर के बीचोबीच तबेला होना भी है। इनके कारण सड़कों पर भी गंदगी फैलती है। इनके पशु सड़कों पर गोबर करते रहते हैं।

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स्वच्छता सर्वेक्षण के मानकों में गंदगी की वजह बनने वाले पशुओं को आबादी वाले क्षेत्रों से बाहर करने का भी प्रावधान है, लेकिन नगर पालिका परिषद अभी तक इसका पालन नहीं करा सकी है। इससे स्पष्ट है कि इन कारणों के चलते ही शहर स्वच्छ सर्वेक्षण में छलांग नहीं लगा पा रहा है। हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण होता है। इसके लिए केंद्र से टीम आती है। शहरों का सर्वे करती हैं। निकाय भी आनलाइन ही अपनी तैयारी का फीडबेक अपलोड करते हैं। शहरों को साफ-सुथरा बनाने के लिए जरूरी है कि इसमें अवरोध बनने वाले कारणों को दूर किया जाए। इनमें एक कारण पशु पालन शहरी आबादी से दूर स्थापित कराना भी है, लेकिन नगर पालिका ऐसा अभी तक नहीं करा सकी है। शहर के सभी वार्डों में पशु इधर-उधर घूमते दिखाई पड़ जाएंगे। इन पशुओं को शहर के बीच बने तबेलों में पाला जाता है। जिन क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक है। उन क्षेत्रों में ही अधिक गंदगी रहती है। गांधी समाधि से स्वार रोड व उससे सटे इलाके में इस तरह के पशुओं के कारण ही सफाई व्यवस्था बेहतर नहीं हो पा रही है। शहर में दूध डेयरियों की संख्या भी लगभग दो सौ है। इनमें ज्यादातर के अपने तबेले हैं, जिनमें पशु पाले जाते हैं।

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पालिका के अधिकारी हैं जिम्मेदार

तबेले शहर से बाहर होने चाहिएं, इसके लिए सीधे तौर पर नगर पालिका के खाद्य एवं सफाई निरीक्षक जिम्मेदार हैं। उन्हे कार्रवाई करने 0 अधिकार है, लेकिन वे कोई कार्रवाई नहीं करते। अधिशासी अधिकारी डा. विव्कानंद मानते हैं कि शहर में पशु पालन होता है। 43 वार्डों में करीब 200 दूध डेयरियां संचालित हैं। पालिका इनको बाहर स्थापित करने के लिए जल्द नोटिस जारी करेगी। वैसे 500 रुपये प्रति पशु के हिसाब से जुर्माना डालने व चालान भरने का भी अधिकार है। यह कार्रवाई होती रहती है।

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स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छे अंक हासिल करने के लिए नगर पालिका परिषद को गंभीरता से साफ-सफाई पर ध्यान देना चाहिए। अभी शहरी क्षेत्र में काफी समस्याएं हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए।

नजमी खां

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नगर पालिका परिषद सफाई व्यवस्था को लेकर पूरे शहर पर ध्यान नहीं दे रही है। मुहल्ला छीपीयान की हालत खराब है। सड़क भी जर्जर हालत में है। नाली-नाली में प्रदूषित पानी का बहाव भी ठीक से नहीं होता है।

सुरेश बाबू

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ज्वाला नगर क्षेत्र में सड़कों की स्थिति ज्यादा खराब है। कई जगह पशु पालन व डेयरियों के कारण गंदगी की समस्या बनी है। इनकी शिकायतों को गंभीरता से लेकर पालिका को कार्य करना चाहिए।

फैजान

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ज्वाला नगर क्षेत्र के प्रति नगर पालिका का व्यवहार समान नहीं रहता। इसी कारण इस क्षेत्र की कालोनियों व गलियों में अधिक सुधार की आवश्यकता है। सड़कों व नालियों की सफाई की मांग समय-समय पर की जाती है।

अमित गुप्ता

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सिविल लाइन क्षेत्र की सड़कों की हालत ठीक है। इनके संपर्क वाली कालोनियों व गलियों में नाली-नालों की सफाई, प्रदूषित पानी की निकासी इत्यादि को और बेहतर करना चाहिए।

सूरज सैनी मैं भी हूं स्वच्छता प्रहरी

अपने घर और घर के बाहर चारों तरफ स्वच्छता ध्यान रखती हूं। कहते हैं हर अच्छे कार्य की शुरुआत खुद से करनी चाहिए। इसे ध्यान में रखकर अपने घर-परिवार के सदस्यों को स्वच्छता के प्रति सजग रखती हूं। उन्हें कूडा बाहर नहीं फेंकने देती। डस्टबिन में ही कूडा डालते हैं। बाहर के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित किया जाता है। सुषमा सक्सेना


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