रामपुर में CRPF ग्रुप कैंप पर आतंकी हमला : हमले के छह दोषी में से दो पाकिस्तानी, दो बरी
रामपुर में 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकियों ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला किया था। इसमें मौके पर सात जवान शहीद हुए थे जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान चली गई थी।
रामपुर, जेएनएन। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमले के मुकदमे में तृतीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश संजय कुमार की अदालत ने छह को दोषी माना है। दोषियों में दो पाक नागरिक भी हैं। हालांकि अदालत ने अभी सजा पर फैसला नहीं सुनाया है। यह फैसला शनिवार को आ सकता है। इसी मामले में दो अभियुक्तों पर आरोप सिद्ध न हो सकने के कारण अदालत ने इन्हें दोषमुक्त कर दिया।
सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात ढाई बजे आतंकियों ने हमला कर दिया था। आतंकी सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर एक से अंदर घुसे थे। यह गेट दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर है। यहां गेट से पहले रेलवे क्रासिंग भी है। आतंकियों ने गेट पर मौजूद जवानों पर गोलियां बरसाई थीं। हैंड ग्रेनेड भी फेंके थे। इसके बाद आतंकी एके-47 से गोलियां बरसाते हुए सीआरपीएफ केंद्र के परिसर में काफी अंदर तक चले गए थे। इस हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा गेट के बाहर अपने रिक्शा में सो रहे चालक की भी मौत हो गई थी।
पुलिस ने हमले के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें पाक अधिकृत कश्मीर का इमरान शहजाद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का मुहम्मद फारुख पुत्र बूटा बट्टी, बिहार का सबाउद्दीन पुत्र शब्बीर अहमद, मुंबई गोरे गांव का फहीम अंसारी, उत्तर प्रदेश के जिला प्रतापगढ़ का मुहम्मद कौसर पुत्र कदीरुद्दीन, जिला बरेली के थाना बहेड़ी का गुलाब खां पुत्र शमशेर खां, मुरादाबाद के ग्राम मिलक कामरू का जंग बहादुर बाबा पुत्र खान बहादुर और रामपुर का मुहम्मद शरीफ पुत्र मुहम्मद अय्यूब शामिल थे। इन सभी को पुलिस ने 10 फरवरी 2008 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
सुरक्षा के मद्देनजर इन्हें लखनऊ और बरेली की जेलों में बंद किया गया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान सभी को कड़ी सुरक्षा में यहां लाया जाता था। मुख्य मुकदमे में 38 की गवाही हुई, जबकि फहीम अंसारी पर अलग से चलाए गए फर्जी पासपोर्ट और पिस्टल बरामदगी मामले में भी 17 की गवाही हुई। 19 अक्टूबर को मुकदमे में बहस पूरी हो गई। शुक्रवार को अदालत ने फैसला सुनाया।
इसे लेकर पुलिस और प्रशासन ने सुबह से ही कचहरी और कलेक्ट्रेट में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए थे। दोपहर बाद अदालत ने मुकदमे में पाक नागरिक इमरान और मुहम्मद फारुख समेत, मुंबई के फहीम अंसारी, बिहार के सबाउद्दीन सबा, मुरादाबाद के जंग बहादुर और रामपुर के मुहम्मद शरीफ को दोषी माना। इसके अलावा बरेली के गुलाब खां और प्रतापगढ़ के कौसर खां को दोष मुक्त करा दिया। हालांकि फहीम अंसारी पर देशद्रोह का आरोप साबित नहीं हो सका, जबकि अन्य आरोप साबित हुए हैं।
ये माने गए दोषी
- शरीफ उर्फ सुहेल उर्फ साजिद उर्फ अली उर्फ अनवार उर्फ संजीव पुत्र अयूब निवासी : बदनपुर, थाना खंजेरिया, जनपद रामपुर, उप्र
- सहाबुद्दीन उर्फ सबाउद्दीन उर्फ सबाह उर्फ संजीव उर्फ फरहा उर्फ सबा उर्फ अबू अल कासिम उर्फ बरार पुत्र शब्बीर अहमद उर्फ वकील अहमद उर्फ वकील साहब निवासी- गंधवार बायां पंडौल, थाना सकरी, जनपद मधबुनी, बिहार
- इमरान उर्फ अजय उर्फ असद उर्फ रमीज राजा उर्फ उबैद पुत्र मुहम्मद आजम निवासी : समानी, थाना चौक सदर, जनपद भिम्बर, पाक अधिकृत कश्मीर
- मुहम्मद फारुख उर्फ अबू उर्फ जुल्फिकार नयन उर्फ अबू जार उर्फ अमर सिंह पुत्र बूटा पट्टी निवासी : सांगढ़ीवाला, धौकल थाना सदर, जनपद गुन्जरावाला, पंजाब, पाकिस्तान
- बाबा उर्फ जंगबहादुर पुत्र खान बहादुर निवासी : मिलक, कांगडू, थाना मूंढापांडे, जनपद मुरादाबाद, उप्र
- फहीम अरशद अंसारी पुत्र मुहम्मद युसूफ अंसारी निवासी : चाल नं. 330, समन 2409, मोतीलाल नगर नं 2, एमजी रोड, मुंबई, महाराष्ट्र
दोषमुक्त किए गए आरोपित
- मुहम्मद कौसर पुत्र कमरुद्दीन निवासी : आजाद नगर थाना कुंडा, जनपद प्रतापगढ़, उप्र
- गुलाब खान पुत्र समशेर खान निवासी : शाहगढ़, थाना बहेड़ी, जनपद बरेली, उप्र
क्या था मामला
रामपुर में 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकियों ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला किया था। इसमें मौके पर सात जवान शहीद हुए थे, जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान चली गई थी। पुलिस ने इस हमले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। इन सभी आरोपियों को लखनऊ और बरेली की जेलों में रखा गया है।
हमले के मामले में पाक अधिकृत कश्मीर के इमरान, मोहम्मद फारूख, मुंबई गोरे गांव के फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी का सबाउद्दीन सबा, प्रतापगढ़ के कुंडा के कौसर खां, बरेली के बहेड़ी के गुलाब खां, मुरादाबाद के मूंढापांडे के जंग बहादुर बाबा खान और रामपुर के खजुरिया गांव के मोहम्मद शरीफ को गिरफ्तार किया गया था। सभी को सुरक्षा के मद्देनजर लखनऊ और बरेली की जेलों में रखा गया था।