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शहर की तर्ज पर गांव में हो रहा कूडे का कलेक्शन

रामपुर गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल .. लाउडस्पीकर पर गूंजता यह गीत शहर में लगभग रोज ही लोगों को सुबह में सुनाई देता होगा। यही गीत जनपद की बिजारखाता ग्राम पंचायत में भी रोज गूंजता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 May 2022 11:59 PM (IST)Updated: Mon, 09 May 2022 11:59 PM (IST)
शहर की तर्ज पर गांव में हो रहा कूडे का कलेक्शन
शहर की तर्ज पर गांव में हो रहा कूडे का कलेक्शन

रामपुर : गाड़ी वाला आया, घर से कचरा निकाल .., लाउडस्पीकर पर गूंजता यह गीत शहर में लगभग रोज ही लोगों को सुबह में सुनाई देता होगा। यही गीत जनपद की बिजारखाता ग्राम पंचायत में भी रोज गूंजता है। इसकी आवाज कानों तक पहुंचते ही गांव की महिलाएं व पुरुष घरों से डस्टबिन लेकर बाहर दरवाजे की तरफ निकल पड़ते हैं। चूंकि इस गांव में इसी साउंड के साथ कूड़ा कलेक्शन करने वाली गाड़ी घूमती हैं। गांव के लोग उसी में कूड़ा डालते हैं। इधर-उधर नहीं फेंकते हैं। तभी तो यह गांव दूसरे गांवों से जुदा और शहरों की पाश कालोनियों की तरफ साफ-सुथरा बन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ता नजर आ है।जनपद की 680 ग्राम पंचायतों में एक बिजारखाता है, जो विकास खंड स्वार क्षेत्र में है। हिदू-मुस्लिम करीब आठ हजार की आबादी वाली यह ग्राम पंचायत साफ-सफाई के मामले में मिसाल कायम कर रही है। यहां पिछले सात माह से शहरों की तर्ज पर घर-घर से कूड़ा कलेक्शन कराया जाता है। पीएम के स्वच्छ भारत मिशन को साकार करने के लिए गांव की प्रधान नाज ने इसे चालू कराया, जो बिना कोई शुल्क वसूले गाडी घर-घर भेजकर कूड़ा कलेक्शन करातीं हैं। करीब 10-12 राउंड में यह गाड़ी गांव के 400 से अधिक घरों व अन्य सार्वजनिक स्थानों से कूडा एकत्र करती है। गांव से दूर डंपिग ग्राउंड पर डंप किया जाता है। इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं है। इस सुविधा का पूरा गांव लाभ उठा रहा है। दिन निकलने पर गाडी में लगे लाउडस्पीकर पर गीत गूंजता है, गाडी वाला आया, घर से..। इसके बाद घरों के लोग एलर्ट होकर कूड़े की डस्टबिन इत्यादि लेकर घरों के बाहर निकल आते हैं।

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ई रिक्शा को मोटीफाइड करा उठवाया जा रहा कूड़ा

रामपुर : ई रिक्शा को मोटीफाइड कराकर उसके पिछले हिस्से को कूड़े के हिसाब से तैयार कराया है। उसके अंदर एक बार में छह सात कुंतल कूड़ा आ जाता है। उस पर तीन लोग रहते हैं। एक उसे चलाता है। दूसरा डस्टबिन का कूड़ा महिलाओं व पुरुषों को गाडी में डालने के लिए प्रेरित करता है। तीसरा ग्राम पंचायत का सफाई कर्मचारी होता है, जो गांव के सार्वजनिक स्थलों का कूडा व अन्य तरह की गंदगी को रास्तों से उठाकर गाड़ी में डाल देता है। यह क्रम प्रतिदिन गांव में सुबह आठ से दोपहर बाद चार बजे तक रहता है। इसकी बदौलत गांव की सड़के शहरों की पाश कालोनी जैसी साफ नजर आने लगी हैं। इसकी प्रशंसा गांव पहुंचने वाले अधिकारी भी करते हैं।

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जनपद की बिजारखाता ग्राम पंचायत साफ-सफाई के मामले में मिसाल कायम कर रही है। यहां की प्रधान नाज अंसारी ने गांव में कूड़ा कलेक्शन को गाडी व उस पर अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था कर रखी है। सात माह के उनके परिश्रम से गांव अपनी स्वच्छता खुद बयां करता महसूस होता है। मुख्य बात यह है कि लगभग आठ हजार की आबादी वाले गांव की जनता इसमें सहयोग दे रही है। घरों में डस्टबिन बना रखी है। कूड़ा उसी में रखते हैं। बाहर इधर-उधर नहीं फेंकते हैं। इस सराहनीय कार्य के लिए जिला अधिकारी रविद्र कुमार मांदड़ पिछले दिनों एक समारोह में ग्राम प्रधान नाज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी कर चुके हैं।

दुर्गा प्रसाद तिवारी, जिला पंचायतराज अधिकारी।

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मैं एमकाम, बीएड हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चालू कराए गए स्वच्छ भारत मिशन के कार्यक्रम को अच्छी तरह समझती हूं। प्रधान का चुनाव लड़ते समय मैंने सोच लिया था कि जीतने पर कुछ अलग करके दिखाना है। प्रधान बनने के बाद गांव को साफ-सुथरा बनाने पर ध्यान गया, सो पति नाहिद अंसारी, पंचायत सचिव महीपाल सिंह के सहयोग से यह काम आगे बढ़ाया। गांव में आने वाले लोग व अधिकारी इसकी तारीफ करते हैं तो अच्छा लगता है। इसे बनाए रखने व कुछ और बेहतर तरीके से करने की कार्ययोजना भी बनाई जा रही है।

नाज अंसारी, ग्राम प्रधान, विकास खंड स्वार।

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कूगडा कलेक्शन कार्य पिछले करीब सात माह से चलाया जा रहा है। गांव में शादी समारोह व पर्वों के मौके पर विशेष साफ-सफाई कराई जाती है। संबंधित स्थानों पर चूने का छिड़काव कराया जाता है। वहीं गाडी लगवाकर कूड़ा उठवाकर संबंधित स्थान साफ कराया जाता है। इसे आगे सरकार की योजना के हिसाब से चलाने की तैयारी है ताकि कार्य में होने वाला खर्च भी आय से पूरा किया जा सके।

नाहिद अंसारी।

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गांव में कूड़ा कलेक्शन के लिए गाडी सभी गलियों व रास्तों पर घूमती है ताकि लोग अपने-अपने घरों की डस्टबिन में एकत्र कूड़ा निकालकर गाड़ी में डाल दें। यह सुविधा होने से गांव साफ सुथरा रहने लगा है।

मोहम्मद हनीफ, ग्रामीण

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कूड़ा कलेक्शन की गाडी घूमने से गांव की सड़के शहर की तरह साफ दिखती हैं। लोग अब गांड़ी में कूड़ा डालते हैं। बिजारखाता गांव में इधर-उधर कूड़ा फेंककर गंदगी को नहीं बढ़ाया जाता। यह अब पुराने दौर की बात हो गई है।

राम कुंवर, ग्रामीण


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