विदेश में नौकरी के मोह ने बना दिया शेख का गुलाम
मुस्लेमीन, रामपुर : विदेश में अच्छी नौकरी और मोटी पगार हर किसी की चाहत होती है। ऐसी ही ख्वाहिश रखने
मुस्लेमीन, रामपुर : विदेश में अच्छी नौकरी और मोटी पगार हर किसी की चाहत होती है। ऐसी ही ख्वाहिश रखने वाले अक्सर ठगों के जाल में फंस जाते हैं, जो नौकरी का झासा देकर उनसे रुपये ही नहीं ऐंठते, बल्कि विदेश में बेच देते हैं। रामपुर के ही 10 युवा इस झांसे में आकर या तो सऊदी अरब में शेख के गुलाम बने हैं या फिर कहीं होटलों में बर्तन मांज रहे हैं। सच्चाई सामने आने पर कुछ तो वतन लौट आए और कुछ लौटने के लिए छटपटा रहे हैं।
युवाओं को अच्छी नौकरी और मोटी पगार के नाम पर ठगने वाले गिरोह के तार रामपुर ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक फैले हुए हैं। गैंग के सदस्य रामपुर से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और सऊदी अरब तक जाल बिछाए हैं। बताया जाता है कि सरगना दिल्ली में बैठकर गिरोह ऑपरेट करता है। यहां के अब तक 20 लोग इस गिरोह के झांसे में आ चुके हैं। इनमें से 10 युवा तो सऊदी अरब-मलेशिया में बेचे जा चुके हैं। कुछ शेख के हाथ और कुछ अन्य जगह पर। कुछ तो किसी तरह भागकर वतन लौट चुके हैं, उन्होंने ही जब वहां का हाल बयां किया तो सच्चाई सामने आई। कई मामलों में पुलिस ने रिपोर्ट भी दर्ज की, लेकिन गैंग के सरगना तक नहीं पहुंच सकी। अभी ऐसे कई युवा सऊदी अरब में परेशान हैं, वे घर आने के लिए छटपटा रहे हैं। उनके परिजन एजेंट और पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें कहीं से मदद नहीं मिल पा रही।
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कराई जाती है बंधुआ मजदूरी
सऊदी अरब में शेख के हाथों बेचे जाने के बाद इनसे वहां बंधुआ मजदूरी कराई जाती है, चूंकि ये ज्यादा पढ़े-लिखे होते नहीं हैं। वहां भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता।
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केस एक
लालपुर गाव के अशफाक अली ने अपने भाई दानिश को सऊदी अरब भेजने का फैसला किया। सोहन लाल भी वहा जाना चाहता था। गाव के ही हाजी जफीर ने उन्हें एक अच्छी कंपनी में 40 हजार रुपये माहवार प्लंबर की नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया। जफीर कई साल से लोगों को सऊदी अरब भेजता रहा है। इस कारण दोनों उसके झासे में आ गए और उसे तीन लाख रुपये दे दिए। 30 दिसंबर, 2017 को दोनों सऊदी अरब पहुंच गए, लेकिन वहा उन्हें किसी कंपनी में नौकरी नहीं मिली। दानिश के भाई अशफाक और सोहनलाल की पत्नी सावित्री ने बताया कि दोनों ने फोन कर अपनी परेशानी बताई। दोनों को अरब के एक शेख को बेच दिया गया, जो उनसे पत्थर तुड़वाता है। पूरा खाना भी नहीं देता और उनके साथ मारपीट करता है। यह बात जफीर को बताई तो उसने सावित्री के साथ मारपीट की और धमकी दी। सावित्री ने टाडा थाने की सैदनगर चौकी में रिपोर्ट करानी चाही तो पुलिस ने नहीं सुनी। एसपी से शिकायत की तो रिपोर्ट दर्ज हुई, लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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केस दो
शाहबाद थाने के सैफनी गाव के शादाब और दानिश खा को एजेंट मुहम्मद दानिश और मुहम्मद काशिफ ने अपने जाल में फंसा लिया। उनके साथ ही आसपास के 10-12 युवाओं को भी विदेश भेजने का भरोसा दिलाया। शादाब ने बताया कि दोनों भाइयों से तीन लाख रुपये लिए और मलेशिया की टोयटा कंपनी में नौकरी दिलाने की बात कही। दोनों को पहले दिल्ली और फिर चेन्नई ले जाया गया। यहा आठ दिन रखा। उन्होंने जब वीजा मागा तो टरकाते रहे। एयरपोर्ट पहुंचकर ही वीजा दिया, जो केवल 14 दिन का टूरिस्ट वीजा था। इसे देख उनके होश उड़ गए, लेकिन क्या करते, मजबूरी थी। दो नवंबर, 2017 को मलेशिया पहुंचे, वहा उन्हें एक रेस्टोरेंट में ले जाकर छोड़ दिया गया। यहा मलेशिया के ही एक व्यक्ति को उन्हें बेच दिया गया, जिसने अपने होटल में ले जाकर उनसे बर्तन मंजवाए। उसने कोई पैसा भी नहीं दिया। उन्हें बचा हुआ खाना दिया जाता था। मुंह खोलने पर मारपीट की जाती थी। इसी दौरान एक पाकिस्तानी उनके संपर्क में आया। उसने मदद की और पुलिस तक उन्हें पहुंचा दिया, तब जाकर वे आजाद हुए। घर लौटकर एजेंट को परेशानी बताई तो वह लड़ाई पर आमादा हो गया। तब पुलिस में रिपोर्ट कराई, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की।
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विदेश भेजने के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आए हैं। इसी साल करीब 20 मामलों में रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। हमने ठगी का शिकार हुए कई लोगों को बुलाकर खुद पूछताछ की है। युवाओं को ठगने वाले इस गैंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. विपिन ताडा, पुलिस अधीक्षक, रामपुर