रामपुर में डीएफओ से अभद्रता करने और मोबाइल छीनने में वकीलों के खिलाफ मुकदमा
वकीलों ने जेसीबी को छोडऩे के लिए दबाव बनाया लेकिन डीएफओ ने नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही। इस पर वकीलों ने उनके साथ अभद्रता की।
रामपुर, जेएनएन। सरकारी कर्मचारियों के साथ वकीलों की झड़प तथा अभद्रता का मामला अब आम सा होता जा रहा है। इसी तरह के एक मामले में मंडलीय वन अधिकारी (डीएफएओ) के कार्यालय में गुसकर उनके साथ अभद्रता करने के मामले में वकीलों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
रामपुर में मंडलीय वन अधिकारी के कार्यालय में घुसकर उनसे अभद्रता करने और मोबाइल छीनने के आरोप में बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष श्यामलाल समेत पांच वकीलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिला वन अधिकारी एके कश्यप गुरुवार को कार्यालय में बैठे थे। उसी दौरान श्यामलाल चार अन्य वकीलों के साथ उनके पास पहुंचे। डीएफओ का आरोप है कि इन लोगों ने अवैध खनन तथा कटान के मामले में जब्त जेसीबी मशीन को छोडऩे के लिए दबाव बनाया। यह जेसीबी सितंबर में पकड़ी गई थी, जिसका उपयोग पीपलीवन में 41 पेड़ गिराने के मामले में किया गया था। इस मामले में मिलक खानम थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।
वकीलों ने जेसीबी को छोडऩे के लिए दबाव बनाया, लेकिन डीएफओ ने नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही। इस पर वकीलों ने उनके साथ अभद्रता की। वह कार्यालय से जाने लगे तो उन्हें जबरन रोक लिया। डेढ़ घंटे तक उन्हें कार्यालय में बैठाए रखा और उनकी कलाई पकड़ ली। उनका मोबाइल भी छीन लिया। जेसीबी न छोडऩे पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। डीएफओ ने पूरे प्रकरण से उसी दिन जिलाधिकारी और एसपी को अवगत करा दिया था। लिखित में तहरीर भी दी थी, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई थी। रिपोर्ट रात दर्ज की गई। इस मामले में शुक्रवार को वकीलों का प्रतिनिधिमंडल भी जिलाधिकारी से मिला। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने प्रकरण की जांच अपर जिलाधिकारी राम भरत तिवारी को सौंप दी है, जो एक सप्ताह में जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट सौंपेंगे। वकीलों का आरोप है कि डीएफओ ने उनके साथ अभद्रता की है।