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वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को दी जाए आर्थिक सहायता

जागरण संवाददाता रामपुर माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट के पदाधिकारियों ने वित्तविहीन शिक्ष्

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 05:24 PM (IST)
वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को दी जाए आर्थिक सहायता
वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को दी जाए आर्थिक सहायता

जागरण संवाददाता, रामपुर : माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट के पदाधिकारियों ने वित्तविहीन शिक्षकों को आर्थिक सहायता दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन विधान परिषद सदस्य घनश्याम सिंह लोधी को सौंपा।

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जिलाध्यक्ष मुनीश चंद्र शर्मा ने कहा कि ज्ञापन में निजी संस्थाओं, वित्तविहीन माध्यमिक, उर्दू मदरसा तथा स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों की शिक्षण संस्थाओं में कार्य कर रहे शिक्षक एवं कर्मचारियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है। इनका परिवार लॉकडाउन के दौरान राजकीय सहायता न मिल पाने के कारण आर्थिक संकट से गुजर रहा है। प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा के 80 प्रतिशत विद्यालय गैरअनुदानित एवं स्ववित्तपोषित विद्यालय के रूप में निजी प्रबंध व्यवस्था द्वारा संचालित हैं। इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं कर्मचारियों को छात्रों से प्राप्त शुल्क से बहुत कम पारिश्रमिक दिया जाता है। वर्तमान में कोविड-19 की आपदा में इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं कर्मचारियों को मार्च महीने से कोई भुगतान नहीं हुआ है। विद्यालय बंद है, जिससे शिक्षण शुल्क भी जमा नहीं हो पा रहा है। नए प्रवेश भी नहीं हो पाए हैं। आय के अभाव में शासन के आदेश के बाद भी प्रबंधन भुगतान नहीं कर पा रहा है। पिछले तीन महीनों से पारिश्रमिक ना मिलने के कारण इनका परिवार भुखमरी के कगार पर है।

जिला मंत्री मनोज कुमार ने कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन की आस लगाए हुए यह शिक्षक मनरेगा मजदूर से बदतर जिदगी जीने के लिए बाध्य हैं।गत वर्ष मार्च में संगठन से हुए समझौते में इन शिक्षकों को 15 हजार रुपये प्रतिमाह आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किए जाने का आश्वासन उप मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया था, लेकिन आज तक उन्हें यह मानदेय नहीं मिला। संगठन की मांग है कि वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों को कम से कम पांच हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाए।


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