कोरोना आशंकितों पर औषधि विभाग की नजर
लोग बुखार या खांसी होने पर जांच नहीं करा रहे बल्कि मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के निर्देश पर औषधि विभाग सक्रिय हो गया है।
जेएनएन, रामपुर : कोरोना को हराने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है लेकिन, लोग जागरूक नहीं हो रहे। प्रशासन की ओर से कोरोना की मुफ्त जांच कराई जा रही है, लेकिन लोग बुखार या खांसी होने पर जांच नहीं करा रहे, बल्कि मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खा रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के निर्देश पर औषधि विभाग सक्रिय हो गया है।
ड्रग इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने बताया कि जिले भर के मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देश दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति खांसी या बुखार की दवा लेने आए तो उसका नाम पता और मोबाइल नंबर दर्ज करें। ऐसे लोग कोरोना आशंकित हो सकते हैं। इसके लिए औषधि निरीक्षक समय-समय पर मेडिकल स्टोरों पर जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। वहां खांसी बुखार की दवा लेने वाले लोगों की जानकारी भरने के लिए बने रजिस्टर को चेक करते हैं। वह बताते हैं कि प्रशासन की ओर से मुफ्त जांच कराई जा रही है, जबकि प्राइवेट लैब में जांच कराने के लिए पैसे देने पड़ते हैं। बावजूद इसके लोग कोरोना की जांच कराने से कतरा रहे हैं। हर माह मेडिकल स्टोर से ऐसे लगभग 100 लोगों की सूची मिल रही है, जो बुखार और खांसी होने पर जांच कराने के बजाय स्टोर से दवा ले आते हैं। इन लोगों की सूची को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को भेज देते हैं, ताकि उनकी कोरोना की जांच कराई जा सके। विभाग ऐसे आशंकितों की टीम भेजकर जांच करवाता है।