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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर बिजली कर्मी धरने पर

रामपुर: जिला मुख्यालय अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल के कार्यालय पर संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें इलेक्ट्रिसिटी बिल (अमेंडमेंट) 201

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 10:40 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 10:40 PM (IST)
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर बिजली कर्मी धरने पर
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर बिजली कर्मी धरने पर

रामपुर: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर बिजली कर्मियों ने अधीक्षण अभियंता के कार्यालय पर धरना दिया। संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर हुए प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में बिजली कर्मचारियों के साथ ही इंजीनियर भी शामिल हुए।

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धरने में 14 संगठनों के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। संयुक्त कर्मचारी समिति के संयोजक विजय पाल एवं मोहम्मद अली खान ने कहा कि कुछ ¨बदुओं को लेकर विभाग के कर्मचारी आशंकित दिख रहे हैं। सबसे घातक विद्युत आपूर्ति को विद्युत वितरण से अलग कर निजी कम्पनियों को लाइसेंस देना है। हाइड्रॉलिक इंप्लाइज यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष हरि बहादुर सक्सेना ने बताया कि राज्य सरकार विद्युत पारेषण व वितरण का नेटवर्क बनाएंगी व इसका रखरखाव करेंगी। नेटवर्क बनाने व रखरखाव करने पर राज्य सरकार अरबों रुपये खर्च करेगी और बिना एक भी पैसा खर्च किए इस नेटवर्क के जरिये बिजली आपूर्ति कर निजी कंपनियां भारी मुनाफा कमाएंगी। स्वाभाविक तौर पर पारेषण व वितरण के नेटवर्क का खर्च उपभोक्ता पर डाला जाएगा, जबकि मुनाफा निजी कंपनियों की जेब में जाएगा। खासकर बिजली के दरों में बढ़ोतरी के साथ निजी घरानों के अनुकूल बनाई जा रही नीति का सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है। बिल का विरोध कर रही विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति का मानना है कि इस बिल के आने पर आम किसानों को भी दस रुपये प्रति यूनिट से ज्यादा पर बिजली मिलेगी। इलेक्ट्रिसिटी बिल 2018 जन विरोधी है, जिसका लाभ केवल पूजी पतियों को मिलेगा। इसके बाद सभी वक्ताओं ने सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हुए कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी। संघर्ष समिति ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि केन्द्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी बिल (अमेंडमेंट)2018 को पारित कराने की कोशिश की तो तमाम बिजली कर्मचारी व अभियन्ता बिना कोई नोटिस दिए उसी समय हड़ताल पर चले जाएंगे। यदि समय रहते हुए शासन की ओर से समस्याओं का निदान नहीं होता है तो आठ और नौ जनवरी को हड़ताल करने पर विवश होंगे। उससे होने वाले औद्योगिक क्रांति अशांति एवं वित्तीय हानि की जिम्मेदारी स्वयं शासन की होगी। धरने का संचालन शिव अवतार पाल एवं अध्यक्षता अधीक्षण अभियंता विजयपाल ¨सह ने की। धरने में नासिर खां, नरेश मौर्या, रमेश सैनी, लवकेश, पीयूष पाल, सरोज, चेतराम, भूरे लाल, प्रशांत गुप्ता आदि मौजूद रहे।


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