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डीएम ने विकास कार्यों में लापरवाही पर आठ सौ अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन रोका

रामपुर जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने विकास कार्यों में लापरवाही पर जिले के आठ सौ अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 11:46 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:46 PM (IST)
डीएम ने विकास कार्यों में लापरवाही पर आठ सौ अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन रोका
डीएम ने विकास कार्यों में लापरवाही पर आठ सौ अधिकारियों व कर्मचारियों का वेतन रोका

रामपुर : जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने विकास कार्यों में लापरवाही पर जिले के आठ सौ अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी है। रोजगार सेवकों को कार्यशैली में सुधार न लाने पर सेवा समाप्ति की चेतावनी दी। इनमें पांच सौ कर्मचारी मनरेगा से जुड़े हैं। अफसरों में मनरेगा उपायुक्त, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना निदेशक, बिलासपुर व शाहबाद के खंड विकास अधिकारी भी शामिल हैं। सभी से स्पष्टीकरण मांगा है। जवाब संतोषजनक न मिलने पर विभागीय कार्रवाई के साथ ही पुलिस में भी रिपोर्ट कराई जाएगी।

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जिलाधिकारी ने मनरेगा के तहत बंद बड़े कार्य, धीमी प्रगति से हो रहे कार्यों, अनुसूचित जाति के जाब कार्ड होल्डर्स की कम संख्या और महिलाओं की कम भागीदारी के साथ-साथ आमजन से लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों के ²ष्टिगत सभी खंड विकास अधिकारी, एडीओ पंचायत, एपीओ मनरेगा, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, मनरेगा अकाउंटेंट, मनरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर, तकनीकी सहायक और रोजगार सेवकों के साथ भारत गार्डन में बैठक की। उन्होंने जिले में मनरेगा के अंतर्गत कार्यों एवं आवास योजनाओं की जियो टैगिग सहित ग्रामीण विकास से जुड़े अन्य कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा और सभी खंड विकास अधिकारियों सहित मनरेगा से जुड़े अन्य निचले स्तर पर कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों का तत्काल प्रभाव से वेतन रोकने के निर्देश दिए। साथ ही इन सभी लोगों का स्पष्टीकरण करने के लिए भी सीडीओ गजल भारद्वाज को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि अगले सप्ताह समीक्षा में बेहतर प्रगति करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को ही वेतन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह मानीटरिग के लिए आयोजित बैठक में खराब प्रगति वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने वित्तीय अनियमितता के संबंध में भी सचेत करते हुए कहा कि वित्तीय अनियमितता के मामले किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होंगे। वित्तीय अनियमितता अपराधिक कृत्य के अंतर्गत आती है, इसलिए ऐसे मामलों पर कठोरतम कार्रवाई होगी। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। ग्राम रोजगार सेवकों की कार्यशैली के संबंध में लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों पर भी जिलाधिकारी ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि यदि रोजगार सेवकों ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया और विभिन्न कार्यों में गड़बड़ियां की गई तो उनके विरुद्ध सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई होगी। उन्होंने मनरेगा के तहत कच्चे कार्य जैसे नाली, खड़ंजा और तालाब निर्माण सहित ग्रामीण विकास से जुड़े अन्य कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप गांव विकास का हब बने। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रवीण वर्मा, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास मोती लाल व्यास एवं जिला पंचायत राज अधिकारी वीरेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।


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