जिला पंचायत सदस्य ने चेकिग को पहुंचे एसडीओ व जेई से की अभद्रता
जिपंस के यहां अवैध रूप से दर्जनभर से अधिक ई रिक्शा चार्ज होते हुए मिले लाइन काटने पर जिपंस भड़क गए और अभद्रता की मामले की तहरीर पुलिस को दी
जागरण संवाददाता, रामपुर : बिजली विभाग द्वारा ज्वाला नगर में बिजली चेकिग को लेकर कार्रवाई की गई। इस दौरान तीन दिन पूर्व की गई कार्रवाई के बावजूद जिला पंचायत सदस्य छत्रपाल यादव के यहां अवैध रूप से दर्जन भर से अधिक ई रिक्शा चार्ज होते हुए मिले। कार्रवाई और चेतावनी के बावजूद उनके न मानने पर विभागीय अधिकारियों ने उनकी लाइन काट दी। आरोप है कि इस पर जिला पंचायत सदस्य भड़क गए और टीम में मौजूद एसडीओ और जेई से अभद्रता तक कर डाली। उनकी ओर से मामले की तहरीर पुलिस को दी गई है।
नगर में धड़ल्ले से बिजली चोरी की जा रही है। बिजली विभाग की ढिलाई बिजली चोरों के लिए फायदेमंद साबित होती है। इसके चलते हर महीने करोड़ों रुपये की बिजली चोरी कर ली जाती है। पिछले वर्ष एमडी ने समीक्षा बैठक में इसको लेकर कड़े निर्देश दिए थे। उसके बाद भी विभाग की ढिलाई बरकरार रही थी। सोमवार को उनके आने का पता चला तो विभाग ने रात में ही छापामारी कर 175 स्थानों पर बिजली चोरी पकड़ते हुए कार्रवाई की थी।
अधिशासी अभियंता प्रथम भीष्म कुमार के अनुसार इस दौरान जिला पंचायत सदस्य के घर पर एक दर्जन से अधिक ई रिक्शा अवैध रूप से चार्ज होते हुए पाए गए थे। उन पर कार्रवाई की गई थी। उसके बाद बुधवार को एसडीओ आशीष सिंह और जेई राहुल टीम के साथ दोबारा ज्वालानगर क्षेत्र में चेकिग को पहुंचे तो जिला पंचायत सदस्य के आवास पर स्थिति जस की तस थी।
एक्सईएन के अनुसार जिला पंचायत सदस्य के घर पर तीन किलोवाट का घरेलू कनेक्शन है। उसके बावजूद अवैध रूप से लाइन डाल कर वह ई रिक्शा चार्ज करवाते हैं। इसको लेकर उन्हें सितंबर में भी मना किया गया था। उसके बाद तीन दिन पहले भी छापामारी के दौरान उन पर कार्रवाई की गई। उसके बाद भी वह नहीं माने और बिजली चोरी करते रहे।
बुधवार को पहुंची टीम ने जब इस पर एक्शन लेते हुए उनके घर का कनेक्शन काटा तो वह उग्र हो उठे। आरोप है कि उन्होंने एसडीओ और जेई से धक्कामुक्की करते हुए अभद्रता तक कर डाली। उन्होंने बताया कि मामले की तहरीर पुलिस को दी जा रही है। उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। उधर, जिला पंचायत सदस्य का कहना है कि उनके घर पर तीन किलोवाट का कनेक्शन है। उन्होंने एक किलोवाट और बढ़वाने की बात कही थी, जिस पर अधिकारियों ने इन्कार कर दिया। तब उन्होंने चार किलोवाट के कनेक्शन के लिए आवेदन किया। 20 हजार रुपये आवेदन शुल्क भी जमा कर दिया था, लेकिन अब तक कनेक्शन नहीं किया गया है। उल्टा अधिकारियों ने उन्हें आवेदन न करते हुए चोरी से बिजली जलाने का लालच दिया और बदले में हर माह सुविधा शुल्क देने की सलाह भी दी। बिजली चोरी से जलाने के लिए मना किया तो अधिकारी नाराज हो गए। इसी नाराजगी में उनके यहां छापा मारा गया। उनके घर आकर अभद्रता की। इसके विषय में उनके द्वारा एक्सईएन प्रथम को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के साथ ही जिलाध्यक्ष को भी अवगत करवा दिया गया है। वह भी इस मामले में कार्रवाई कराएंगे।