देवरनिया का आंगनबाड़ी केंद्र बना खंडहर
देवरनिया के आंगदबाड़ी केंद्र की हालत दयनीय अधिकारी भी नहीं दे रहे ध्यान।
रामपुर : देखरेख के अभाव में देवरनिया का आंगनबाड़ी केन्द्र खंडहर बनकर रह गया है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इसके चलते लोगों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
केंद्र सरकार पांच साल से कम आयु के गरीब बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए बाल विकास योजना चला रही है। इसके लिए गांव-गांव आंगनबाड़ी बनाए गए हैं। निर्माण के साथ ही प्रत्येक केंद्र पर एक कार्यकर्ता और सहायिका की तैनाती की गई। केंद्रों को नियमित रूप से संचालन किए जाने के आदेश हैं। विभाग द्वारा बच्चों को वितरण के लिए पोषाहार की व्यवस्था है। साथ ही बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए फल वितरण किए जाते हैं। इसके अलावा विभाग द्वारा अन्य योजनाएं भी बालकों को कुपोषण से बचाने के लिए चलाई जा रही हैं। अब इन योजनाओं का बच्चों को कितना फायदा मिल रहा होगा।इसका अंदाजा इन खंडहर बने आंगनबाड़ी केन्द्रों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। सैदनगर ब्लाक के देवरनिया गांव में प्राथमिक विद्यालय परिसर में दो आंगनबाड़ी केंद्र बने हैं। यह केंद्र सात साल पहले मल्टीसेक्टोरल योजना के तहत बनाए गए थे। इनको बनाने में भी मानकों को दरकिनार किया गया। बनने के बाद से एक दिन भी नहीं खुले हैं। इसके चलते ग्रामीण इनकी खिड़की और दरवाजे तक निकाल कर ले गए। केंद्र असामाजिक तत्वों का अड्डा बनकर रह गए हैं। देखरेख के अभाव में यह खंडहर बनकर रह गए हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नही है। इमरता, करनपुर आदि गांवों के भवनों का भी यही हाल है।