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लालपुर पुल बनने से टांडा के विकास में आएगी तेजी

टांडा कोसी नदी पर लालपुर पुल टांडा क्षेत्र का बड़ा मुद्दा है जो क्षेत्रवासियों के लिए कई दशकों से गंभीर समस्या बना हुआ है। इसके अधर में लटके होने से क्षेत्र का विकास प्रभावित हुआ है। नेताओं को इसकी याद बस चुनाव करीब आने पर ही आती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 01:15 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:10 AM (IST)
लालपुर पुल बनने से टांडा के विकास में आएगी तेजी
लालपुर पुल बनने से टांडा के विकास में आएगी तेजी

जागरण संवाददाता, टांडा : कोसी नदी पर लालपुर पुल टांडा क्षेत्र का बड़ा मुद्दा है, जो क्षेत्रवासियों के लिए कई दशकों से गंभीर समस्या बना हुआ है। इसके अधर में लटके होने से क्षेत्र का विकास प्रभावित हुआ है। नेताओं को इसकी याद बस चुनाव करीब आने पर ही आती है। लोग दुआ कर रहे हैं कि काश इस बार सरकार वास्तव में इसे बनवा दे तो क्षेत्रवासियों की समस्याओं का अंत हो जाए।

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वर्ष 1932 में बना यह पुल 1975 में कमजोर होने के कारण भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके बाद से क्षेत्र के लोग लगातार समस्या से जूझ रहे हैं। वर्ष 2016 में विधान सभा चुनाव से पहले सपा सरकार ने चुनाव का लाभ लेने के लिए नया पुल बनवाने को मंजूरी दी थी। रकम स्वीकृत होने पर काम भी शुरू हो गया था। लेकिन, सरकार बदलने पर दूसरी किस्त जारी न हो सकी, जिससे निर्माण कार्य बीच मे ही लटक गया । इसके बाद से क्षेत्र के लोग निर्माण पूरा होने की आस लगाए बैठे हैं। तीन साल से सरकार ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। पुराना पुल टूटने की जांच के चक्कर में ही निर्माण कार्य लटका रहा। अब प्रदेश के उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने खुद लालपुर पुल के पुन: निर्माण की शुरुआत की है, जिससे सेंटाखेड़ा, लालपुर, दढि़याल, बादली, सिकंदराबाद, छितरिया जागीर, शहपुरा, लांबाखेड़ा, जटपुरा, मानपुर पीपली नायक, चंदपुरा, सरकथल, मुंडिया रसूलपुर, अल्लाहपुर, कसिया कुंडा, करखेड़ी, करखेड़ा, भावपुरा, मुवाना आदि की जनता में खुशी का माहौल है। बोले क्षेत्रवासी

नगर पालिका अध्यक्ष महनाज जहां ने कहा कि काफी समय से अधूरा पड़ा लालपुर का कोसी पुल यहां की जनता के लिये बड़ी समस्या बना हुआ है। इसका निर्माण पूरा होने से क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।

इंतजार सैफी ने कहा कि पुल खराब होने से क्षेत्र का कारोबार ही ठप होकर रह गया है। गंभीर रोगियों के लिए भी बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। समय के अभाव में रोगी की जान भी जोखिम में पड़ जाती है।

हारून ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या पुराना पुल टूटने से हुई है। नए पुल के निर्माण के समय यदि वह पुल बना रहता तो लोगों को काफी राहत मिलती। अब काश कि यह चुनावी मुद्दा बन कर न रह जाए।

साजिद बोले, पुल के बंद होने से क्षेत्र का कारोबार और विकास दोनों चौपट हो गए हैं। किसानों को भी लगातार परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब सच में यह बन जाता है बहुत अच्छा रहेगा।

जमशेद ने कहा कि क्षतिग्रस्त पुल के कारण क्षेत्र का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है। यातायात की समस्या बनी रहने से लोगों ने इधर आना ही छोड़ दिया है। अब पुल बने तो राहत मिलेगी।

रोहित शर्मा ने कहा कि पुल खराब होने के चलते बच्चों की शिक्षा पर भी असर पड़ा है। छात्रों को नदी पार जाने में दिक्कत होती है। सबसे अधिक परेशानी उच्च शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों के सामने है।


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