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CRPF GROUP CENTER ATTACK : हमलावरों को सजा दिलाने के लिए सिपाही से लेकर राजदूत तक की हुई गवाही Rampur News

सीआरपीएफ गु्रप सेंटर पर आतंकी हमले के मुकदमे में तृतीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश संजय कुमार की अदालत ने छह को दोषी माना है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 07:40 AM (IST)
CRPF GROUP CENTER ATTACK  : हमलावरों को सजा दिलाने के लिए सिपाही से लेकर राजदूत तक की हुई गवाही Rampur News
CRPF GROUP CENTER ATTACK : हमलावरों को सजा दिलाने के लिए सिपाही से लेकर राजदूत तक की हुई गवाही Rampur News

रामपुर, जेएनएन। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर आतंकी हमले के मामले में अभियोजन ने हमलावरों को सजा दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की। हर उस शख्स की गवाही कराई, जिससे घटना करने वालों को सजा के अंजाम तक पहुंचाया जा सके। मुकदमे की सुनवाई में 55 की गवाही हुई, जिसमें देशद्रोह के मुकदमे में 38 गवाह थे, जबकि फहीम के खिलाफ अन्य धाराओं में चले मुकदमे में 17 की गवाही हुई। खास बात यह रही कि कोर्ट में सिपाही से लेकर राजदूत तक गवाही देने आए। फहीम के पासपोर्ट मामले में तो अफगानितस्तान से भारतीय राजदूत की पेशी हुई थी। गवाही के दौरान मनप्रीत बोहरा अफगानिस्तान में राजदूत थे। उन्होंने गवाही के दौरान अदालत को बताया था कि पासपोर्ट पाकिस्तान सरकार ने जारी किया था, जो फर्जी आइडी से बना है। पासपोर्ट बनवाने के लिए हसन हम्माद के नाम के दस्तावेज इस्तेमाल किए गए थे। यह पासपोर्ट सीआरपीएफ पर आतंकी हमले से दो माह पहले यानी, पहली नवंबर 2007 को जारी हुआ था। भारत सरकार ने जब फहीम के पासपोर्ट के संबंध में पाक सरकार से जानकारी मांगी थी, तब वह पाकिस्तान में भारतीय राजदूत के पद पर तैनात थे। भारत सरकार ने डोजियर के जरिए यह जानकारी मांगी थी। डोजियर उनके जरिए ही पाक सरकार को भेजा गया था।  

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 ये हैं मुख्य गवाह

 1. दारोगा ओम प्रकाश शर्मा - मुकदमे के वादी थे।

2. दारोगा सुमेर लाल - पंचनामा भरा था। 

3. दारोगा ओम प्रकाश अकेला - पंचनामा भरा था। 

4. दारोगा शबाबुल हसन - पंचनामा भरा था। 

5. दारोगा कुंवर पाल - पंचनामा भरा था। 

6. सीआरपीए जवान केंद्र ङ्क्षसह - घटना के समय ड्यूटी पर थे।

7. सीआरपीएफ जवान प्रदीप कुमार - घटना के समय ड्यूटी पर थे।

8. डॉ. मुहम्मद अशरफ अली - घटना में घायल पुलिस कर्मियों और सीआरपीएफ जवानों का मेडिकल किया था।

9. डॉ. एनडी अरोरा - मृतक जवानों के शवों का पोस्टर्माम किया था।

10. निरीक्षक एसटीएफ नवेन्दू कुमार - हमलावरों की गिरफ्तारी टीम। 

11. एडिशनल एसपी एसटीएफ लखनऊ अशोक कुमार राघव।

12. निरीक्षक सत्य प्रकाश शर्मा - मुकदमे के विवेचक तब सिविल लाइंस कोतवाल थे।

13. प्रभारी निरीक्षक एटीएस ओपी त्रिपाठी - विवेचक।

14. विधि विज्ञान प्रयोगशाला आगरा के एक्सपर्ट संजय खरे। 

15. आइएएस अधिकारी कुमार कमलेश - गृह सचिव रहते मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी।

16- छोटे लाल रेलवे गेट मैन - घटना के समय ड्यूटी पर था

17 - नंद किशोर मूंगफली विक्रेता - घटना के समय गेट पर ठेला लगाता था और रात में वहीं सोता था।

18 - कुलवीर ङ्क्षसह रावत निरीक्षक बम डिस्पोजल।  


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