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टांडा में शुरू नहीं हो सका कन्या इंटर कालेज

टांडा (रामपुर) तहसील बनने के 13 वर्ष बाद भी नगर में कन्या इंटर कालेज का नगरवासियों का सपना पूरा नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 11:10 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 11:10 PM (IST)
टांडा में शुरू नहीं हो सका कन्या इंटर कालेज
टांडा में शुरू नहीं हो सका कन्या इंटर कालेज

टांडा (रामपुर) : तहसील बनने के 13 वर्ष बाद भी नगर में कन्या इंटर कालेज का नगरवासियों का सपना पूरा नहीं हो रहा है। हाई स्कूल पास करने के बाद अधिकतर छात्रायें संसाधनों की कमी से घर बैठने को मजबूर हो जाती हैं। कुछ जागरूक अभिभावक ही कन्याओं को नगर से दूर शिक्षा ग्रहण कराने पर ध्यान देते हैं। पांच वर्ष बाद भी निर्माणधीन इंटर कालेज शुरू नहीं हुआ है।

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नगर में वर्ष 1973 में थाने के पास कायम हुआ एकमात्र कन्या जूनियर हाई स्कूल ही अब तक चला आ रहा है, जिसके सहारे पूरे नगर की कन्या शिक्षा का दारोमदार है। उस समय नगर की जनसंख्या मात्र दस हजार रही होगी ,जबकि वर्तमान में नगर की जनसंख्या एक लाख के करीब पहुंच गई है, जिसमें सत्तर प्रतिशत जनसंख्या मुस्लिम हैं। किसी भी जनप्रतिनिधि ने नगर के गिरते शिक्षा स्तर में सुधार का कोई भी प्रयास नहीं किया। यही वजह है कि एक कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भी कायम नहीं हो सका। वर्ष 2007 में टांडा तहसील बन गई थी। इसके बाद भी टांडा में एक राजकीय कन्या इंटर कालेज तक नहीं है। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण हाई स्कूल पास छात्राएं या तो नगर के एकमात्र राजकीय इंटर कालेज में छात्रों के साथ शिक्षा ग्रहण करती हैं या फिर वह गांव बादली स्थित राजकीय इंटर कालेज जाती हैं। कुछ जागरूक अभिभावक तो अपनी बेटियों को शिक्षा की अहमियत समझते हुए बाहर भेज देते हैं। लेकिन, ज्यादातर गरीब वर्ग के लोग संसाधनों की कमी के चलते काफी प्रयास के बाद हाई स्कूल तक ही शिक्षा ग्रहण करा पाते हैं। इसके बाद वे घर बैठने को मजबूर हो जाती हैं। होनहार छात्राएं भी गरीबी व संसाधनों की कमी के कारण हाई स्कूल के बाद घरों पर बैठने को मजबूर हो जाती हैं, जिसके चलते नगर का शिक्षा स्तर लगातार गिरता जा रहा है।

करीब पांच वर्ष पूर्व नगर में मॉडल एजुकेशन हब के अंतर्गत दो इंटर कालेज स्वीकृत हुए थे, जिसके निर्माण की जिम्मेदारी अल्प संख्यक विभाग को सौंपी गई थी। इनका निर्माण करीब पूरा हो चुका है, कुछ काम बाकी है। यदि दोनों इंटर कालेज समय से पूरे होने के साथ ही शुरू हो जाते हैं तो इसका लाभ क्षेत्र की कन्याओं को मिलेगा।

नगर पालिकाध्यक्ष महनाज जहां का कहना है कि उनका भरसक प्रयास है कि टांडा की शिक्षा में सुधार हो और उन्हीं के लगातार प्रयास से निर्माण कार्य करीब पूरा हो चुका है। आगे भी जो कमी है उसको भी शीघ्र ही पूरा कराने का प्रयास किया जाएगा।

मुहल्ला भब्बलपुरी निवासी महिला इंदु वर्मा का कहना है कि संसाधनों की कमी से नगर की कन्या शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है। इसके लिये स्थानीय स्तर पर बड़े सुधार की आवश्यकता है। अन्यथा कन्या शिक्षा का स्तर और गिर जाएगा।

सभासद दिलशाद सगीर का कहना है कि नगर में कन्या शिक्षा की कमी काफी समय से चल रही है। स्थानीय स्तर पर गंभीरता से ध्यान देने से एजुकेशन हब के तहत दो इंटर कालेज बन चुके हैं। नगर पालिका शीघ्र शुरू कराने के प्रयास में है।

मुहल्ला नवाबपुरा निवासी उषा सक्सेना का कहना है कि महिलाओं को मजबूरन छात्राओं को उच्च शिक्षा को बाहर भेजना पड़ता है। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से भी शीघ्र प्रयास किए जाने की जरूरत है। अन्यथा इसी प्रकार लापरवाही होती रही तो नगर की शिक्षा पूरी तरह चौपट हो जाएगी।


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