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रामपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी से दम नहीं तोड़ सकेंगे कोरोना मरीज

रामपुर कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर साबित हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की देश भर में किल्लत है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 12:01 AM (IST)
रामपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी से दम नहीं तोड़ सकेंगे कोरोना मरीज
रामपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी से दम नहीं तोड़ सकेंगे कोरोना मरीज

रामपुर : कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर साबित हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की देश भर में किल्लत है। इसकी कमी से कई मरीजों की मौत हो चुकी है। अब जिले में कोई कोरोना संक्रमित रेमडेसिविर के अभाव में दम नहीं तोड़ेगा। यहां शासन से 70 रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रशासन को मिल गए हैं। इन्हें जिला अस्पताल में बने एलटू हास्पिटल को उपलब्ध करा दिया है।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजीव यादव ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी से किसी कोरोना मरीज की जान नहीं जाएगी। हमारे पास 70 इंजेक्शन आ चुके हैं। जिला अस्पताल के एलटू हास्पिटल में भर्ती मरीज को जरूरत पड़ने पर इंजेक्शन दिया जाएगा। इसके अलावा यदि कोई मरीज दूसरे कोविड अस्पताल में भर्ती है और तब भी उसे वहां के चिकित्सक की मांग पर जिला अस्पताल के सीएमएस द्वारा इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा।

जिले में कोविड-19 संक्रमण के ²ष्टिगत जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ के नेतृत्व में संक्रमित मरीजों को कोविड प्रोटोकाल के अनुसार हर जरूरी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए अस्पतालों में बेडों की पर्याप्त व्यवस्था से लेकर जरूरी दवाइयों की उपलब्धता, चिन्हित सार्वजनिक स्थलों पर कोविड संक्रमित मरीजों का चिन्हीकरण, पर्याप्त आक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता और होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की इंट्रीग्रेटेड कोविड कमांड एवं कंट्रोल सेन्टर से नियमित रूप से मानिटरिग कराने सहित विभिन्न स्तरों पर लगातार कार्य किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमितों के लिए 90 बेड तैयार

जिला चिकित्सालय परिसर में बनाए गए एल-टू कोविड हास्पिटल में वर्तमान में 40 बेड की उपलब्धता है, जौहर मेडिकल कालेज में तैयार कराए गए एल-वन कोविड केयर सेंटर में भी वर्तमान में 50 बेड तैयार हैं। इस प्रकार जिले में बेड की उपलब्धता में कोई कमी नही है। इसके साथ ही गंभीर मरीजों की आक्सीजन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त आक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है।

जिलाधिकारी रविद्र कुमार मांदड़ का कहना है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसलिए आमजन को भी मास्क की अनिवार्यता और शारीरिक दूरी का पालन करना होगा। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पर्याप्त सावधानी बरतनी होगी। कोरोना मरीजों से फोन करके पूछ रहे हाल

कोविड कंट्रोल रूम में तैनात डिप्टी कलेक्टर सचिन राजपूत ने बताया कि कंट्रोल रूम से होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित मरीजों से नियमित रूप से बातचीत की जा रही है। उनके स्वास्थ्य की नियमित मानिटरिग कराई जा रही है। आवश्यकता अनुरूप उन्हें चिकित्सीय परामर्श या अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। 29 अप्रैल को एल-टू हास्पिटल से डिस्चार्ज होने वाले लोगों में से रैंडमली तीन लोगों से कोविड कंट्रोल रूम की तरफ से बातचीत की गई। उनसे एल-टू हास्पिटल में प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि डाक्टरों द्वारा नियमित रूप से स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है। सफाई और सैनिटाइजेशन पर विशेष जोर

जिलाधिकारी कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सफाई और सैनिटाइजेशन पर विशेष जोर दे रहे हैं। रोजाना नाइट क‌र्फ्यू के समय नगर पालिका कर्मी सड़कों पर आकर सफाई कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में नियमित रूप से साफ सफाई और सैनेटाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। साथ ही कान्टेक्ट ट्रेसिग पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि संक्रमित मरीज से संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को भी चिन्हित करके कोविड-19 पाजिटिव होने की दशा में उन्हें आइसोलेट करके चिकित्सीय निगरानी में रखा जा सके। जिले में अब तक 1366 कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 1337 में सैनिटाइजेशन हो चुका है। इसके साथ ही 1275 कंटेनमेंट जोन में बैरिकेडिग भी कराई जा चुकी है।


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