कोरोना काल में नार्मल होने लगीं डिलीवरी
जिले में कोरोना वायरस के खौफ से डॉक्टर भी डरे हुए हैं। यही वजह है कि डा
रामपुर : जिले में कोरोना वायरस के खौफ से डॉक्टर भी डरे हुए हैं। यही वजह है कि डॉक्टर आपरेशन करने से डर रहे हैं। इसका फायदा गर्भवती महिलाओं को मिल रहा है। लॉकडाउन से पहले तक अस्पतालों में ज्यादातर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन होती थी। लेकिन, कोरोना के खौफ से इनकी संख्या घट गई है। अब नार्मल डिलीवरी के मामले ज्यादा हो रहे हैं। जिला महिला अस्पताल में ही अप्रैल से जून में 403 महिलाओं की डिलीवरी नार्मल हुई, जबकि पौने तीन माह में 113 महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन से की गई है। इससे पहले जनवरी, फरवरी और मार्च में 350 महिलाओं की डिलीवरी नार्मल हुई, जबकि पौने तीन माह में 132 महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन से की गई। इसकी एक वजह यह भी रही है कि अस्पतालों में आपरेशन से पहले मरीज की कोरोना जांच कराई जा रही है। इसकी जांच रिपोर्ट मिलने में तीन से चार दिन लग रहे हैं। अब यदि गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल आ रही है तो नार्मल डिलीवरी करना डॉक्टरों की मजबूरी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुबोध कुमार शर्मा ने बताया कि अब जिला अस्पताल में विशेष जांच मशीन शासन से मिली है। इससे आपरेशन वाले मरीजों की कोरोना की जांच दो से तीन घंटे में हो जाएगी।