टांडा ब्लाक बनवाने को मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
टांडा : नगर में ब्लॉक के न होने से क्षेत्र का विकास ठप है। क्षेत्र के लोगों को ब्लॉक से संब
टांडा : नगर में ब्लॉक के न होने से क्षेत्र का विकास ठप है। क्षेत्र के लोगों को ब्लॉक से संबंधित छोटे-छोटे कार्यों के लिए स्वार के चक्कर लगाने पड़ते हैं। सभासद आदि ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर टांडा को ब्लाक बनवाने की मांग की है।
टांडा को तहसील के दर्जा वर्ष 2007 में मिल गया था। टांडा को ब्लाक न मिलने से क्षेत्र का विकास ठप है। सपा सरकार में ब्लाक की घोषणा भी हो गई थी और कार्य भी शुरू हो गया था। क्षेत्र के लोगों को पूरी उम्मीद थी कि शीघ्र ही ब्लाक का कार्य सुचारू रूप से शुरू हो जाएगा। सरकार बदलते ही मामला ठंडे बस्ते में पड़ गया, जिससे क्षेत्र के लोगों की परेशानी लगातार बनी रही। टांडा तहसील के 159 गावों में 115 गांव स्वार ब्लॉक में आते हैं,। जबकि 44 गांव सैदनगर ब्लॉक के अंतर्गत आते हैं। क्षेत्र के किसानों व अन्य लोगों को कृषि संबंधी योजनाओं, किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं, आवास, बो¨रग, बीज वितरण, आदि की जानकारी के लिए 20 किमी दूर स्वार के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ब्लाक सैदनगर के अंतर्गत आने वाले गांव केवल सात या आठ किमी के क्षेत्र में आते हैं। स्वार ब्लाक में आने वाले गांव के लोगों को 20 किमी से अधिक लंबा चक्कर काटना पड़ता है। सभासद शिव प्रसाद सैनी, हाजी मुनीम, जलीस अहमद, नगरवासी हाफिज मोहम्मद, जुनैद आदि ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर टांडा को ब्लाक बनवाने की मांग की है।