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छठ पर्व की नहाय-खाय के साथ हुई शुरुआत

छठ पर्व की नहाय-खाय के साथ हुई शुरुआत

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 10:45 PM (IST)
छठ पर्व की नहाय-खाय के साथ हुई शुरुआत
छठ पर्व की नहाय-खाय के साथ हुई शुरुआत

जागरण संवाददाता, रामपुर : छठ पूजा की नहाय-खाय के साथ बृहस्पतिवार को शुरुआत हुई। पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों ने छठ माता की अपने-अपने घरों में अराधना की। छठ पूजा के पहले दिन पारम्परिक भोज दाल-भात, लोकी का भोग लगाया गया।

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संतान की दीर्घायु और परिवार की खुशहाली के लिए मनाई जाने वाली छठ पूजा का पहला दिन बृहस्पतिवार को नहाय-खाय से प्रारंभ हुआ। लोग सुबह से ही इसकी तैयारियों में जुट गए। घरों और पूजा स्थलों पर साफ-सफाई के बाद के बाद बिना नमक की लोकी, चने की दाल और चावल से बने भात से भोग लगाने के बाद व्रत रखने वाली महिला ने सबसे पहले भोजन किया। इसके बाद घर के अन्य सभी सदस्यों ने भोजन किया। इसके बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया।

छठ पर्व के बारे में पोस्ट आफिस के पोस्टल असिस्टेंट संजीव कुमार ने बताया कि यह कई दिनों तक चलता है, जिसकी बृहस्पतिवार को नहाय खाए के साथ शुरूआत हो गई है। महिलाओं ने इस दिन उपवास रखा। शाम को लौकी की सब्जी, दाल, चावल का सेवन किया। छठ पर्व के दूसरे दिन शुक्रवार को खरना होगा, शनिवार की शाम डूबते सूर्य और रविवार की सुबह को उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाएगा। सूर्य को अ‌र्घ्य देने से पापों से मुक्ति मिलती है। संतान की रक्षा के लिए अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देते हैं। ऐसा करने से नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है। यह व्रत सौभाग्य, आरोग्य एवं संतान के लिए रखा जाता है। वेदों के अनुसार षष्ठी देवी सूर्य देव की मानस बहन हैं, जो प्रकृति के छठे अंश से उत्पन्न हुईं। इन्हें बालकों की रक्षा के लिए भगवान विष्णु के द्वारा रची गई माया भी कहा जाता है। घर में बच्चे के जन्म के छठे दिन भी षष्ठी मइया की पूजा-अर्चना की जाती है। छठ शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि का पर्व कहलाता है। नहाए-खाए से लेकर सप्तमी के पारण तक श्रद्धापूर्वक जो षष्ठी माता का व्रत करता है, उनके परिवार पर छठ मइया की विशेष कृपा होती है। यह पूर्वांचल और बिहार का प्रमुख त्योहार है। यहां पर भी पूर्वांचल के काफी लोग रहते हैं, जिससे यहां पर भी छठ पूजा का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है। नहाय-खाए में लौकी की सब्जी, अरवा चावल का सेवन किया जाता है। खरना के प्रसाद में गन्ने के रस, गुड़ का सेवन किया जाता है, जिससे कई बीमारियां दूर हो जाती है। छठ पूजा स्थलों पर की गई सफाई फोटो - 30 रामपुर : छठ पूजा का पर्व शहर में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इसके लिए शहर में जगह-जगह छठ पूजा स्थल बने हुए हैं। पिछले कई दिनों से इन पर साफ-सफाई का काम चल रहा है। सभी ने मिलजुलकर बृहस्पतिवार को भी पूजा स्थलों की सफाई की।

छठ पूजा के कार्यक्रम ज्वालानगर में रजा टैक्सटाइल पुरानी कालोनी, आगापुर रोड स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क, कृष्णा विहार स्थित कृष्णा मंदिर आदि स्थानों पर होते हैं। यहां पर बने कृत्रिम घाटों में खड़े होकर महिलाए सूर्य देव को अ‌र्घ्य देती हैं। इन सभी स्थानों पर लोगों ने पूरे दिन सफाई की। इसके बाद रंगाई-पुताई कर सजाया गया। रजा टेक्सटाइल पुरानी कालोनी में छठ पूजा स्थल की सफाई के बाद रंगाई-पुताई की गई। इसी तरह अन्य स्थानों पर भी साफ-सफाई का कार्य पूरे दिन चला। छठ पूजा के लिए सजी दुकानें फोटो - 31 रामपुर : छठ पूजा पर्व के लिए शहर में जगह-जगह पूजन सामग्री आदि की दुकानें सज चुकी हैं। इन पर पूजन सामग्री सूप, दउरा, नारियल आदि समाग्री की खरीदारी के लिए पूरे दिन लोगों की भीड़ रही।

ज्वालानगर में कृष्णा मंदिर के पास आगापुर रोड के किनारे पूजन सामग्री की कई दुकानें सजी हैं। इन पर छठ पूजा के लिए सभी तरह की पूजन सामग्री मौजूद है। इन दुकानों से लोगों ने नारियल, काला चना, चावल, सुपारी, लकड़ी की सांच आदि की खरीदारी की। दुकान स्वामी ने बताया कि सूप की कीमत 25 से 50 रुपये तक और दउरा 60 से 75 रुपये तक का है। इसके अलावा साड़ियों, कपड़ों की दुकान, श्रृंगार के सामान आदि की दुकानों पर भी छठ की तैयारियों के चलते भीड़ रही। छठ पूजा पर एक जगह इकटठा होता है पूरा परिवार फोटो - 34 रामपुर : कचहरी के पास रहने वाली ललिता देवी 46 ने बताया कि छठ पूजा के दिन परिवार के सभी सदस्य एक जगह एकत्र होते हैं, तो इस पर्व का आनंद काफी बढ़ जाता है। इसके लिए हम काफी दिनों पहले से इंतजार करने लगते हैं।

उन्होंने बताया कि हमारे परिवार के कुछ लोग रामपुर के अलावा अन्य कई जिलों में रहते हैं। यहां पर हमारे देवर संजीव कुमार भी अपने पूरे परिवार के साथ रहते हैं। वह पोस्ट आफिस में कार्यरत हैं। उनके साथ पहले हम छठ पर्व मनाने के लिए बिहार जाते थे। मगर यहां पर भी छठ पर्व काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसलिए पिछले कई सालों से हम पूरे परिवार के साथ छठ पर्व यहीं पर मनाते हैं। ऐसे में परिवार के अन्य सदस्य भी यहीं पर आते हैं। इनमें हमारा एक बेटा शुभम नोएडा में सर्विस करता है और दूसरा बेटा अमन बैंगलोर में रहते हैं, दोनों छठ पर्व मनाने के लिए रामपुर आते हैं। इनके अलावा नोएडा से हमारी ननद नीता आदि भी छठ पूर्व मनाने के लिए यहां पर हर साल आते हैं। सभी जब एक साथ इकटठा होते हैं तो त्योहार का आनंद ही कुछ ओर होता है। इसलिए इस पर्व का सभी को काफी बेसब्री से इंतजार करते हैं। छठ पूजा का इस बार रखा है 25वां व्रत : भागमनी फोटो - 32 रामपुर : शिव विहार कालोनी निवासी भागमनी देवी ने बताया कि इस बार छठ पूजा का 25वीं बार व्रत रखा है। छठ मइया की कृपा से हर साल विधि-विधान के साथ छठ मइया का व्रत पूरा किया है। इस बार 25वां व्रत है। इसलिए इस पर्व को खास मनाने के लिए इस बार पहले से ही काफी तैयारियां कर रखी हैं। इसके लिए अपने लिए नए वस्त्र आदि सामान लिया है। वहीं घर के प्रत्येक सदस्य को कुछ न कुछ उपहार देने के लिए भी खरीदारी की है। छठ पर्व का रहता है काफी इंतजार : रेखा फोटो - 33 रामपुर : ज्वालानगर निवासी रेखा देवी ने बताया कि संतान की दीर्घायु और परिवार की खुशहाली के लिए छठ पर्व मनाया जाता है। इस बार 10वीं बार व्रत रखा है। हर साल विधि-विधान के साथ छठ मइया का व्रत पूरा करती हूं। इस बार पूजा के लिए नए वस्त्र लिए हैं। इसके अलावा नई चूड़ी, बिदी श्रृंगार का सामान खरीदा है। इस पर्व का काफी इंतजार रहता है, क्योंकि छठ पर्व पर परिवार के जो सदस्य दूसरे स्थानों पर रहते हैं, उनसे भी मुलाकात हो जाती है।


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