जिला पंचायत की सियासत का इतिहास बदलने में जुटी भाजपा
मुस्लेमीन रामपुर भारतीय जनता पार्टी इस बार जिला पंचायत की सियासत का इतिहास बदलने में जुटी है।
मुस्लेमीन, रामपुर : भारतीय जनता पार्टी इस बार जिला पंचायत की सियासत का इतिहास बदलने में जुटी है। रामपुर में पहले कभी उसका अपना अध्यक्ष नहीं बन सका है। लेकिन, इस बार उसकी केंद्र और प्रदेश में सरकार है। दोनों ही सरकारों में रामपुर के नेता मंत्री भी हैं। भाजपा इस अवसर को खोना नहीं चाहती। किसी भी तरह अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करना चाहती है। अध्यक्ष की कुर्सी पर बड़े-बड़े नेताओं की भी नजर है। वे रामपुर का दौरा भी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी इस काम में लगे हैं। वह दो दिन के दौरे पर रामपुर आए और कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति समझा गए। नकवी के अलावा प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी यहां पहुंचकर भाजपाइयों को जीत के टिप्स दिए। उन्होंने रात्रि विश्राम भी यहीं किया।
रामपुर में जितने भी पंचायत चुनाव हुए हैं, उनमें भाजपा का अधिकृत प्रत्याशी कभी जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं बन सका है। पिछले चुनाव में सपा के मास्टर लाखन सिंह अध्यक्ष चुने गए थे। तब जिला पंचायत के 35 में से भाजपा के मात्र पांच सदस्य ही बन सके थे। साल 2017 में सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ तो अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आ गया। लाखन सिंह को हटाकर चंद्रपाल सिंह को अध्यक्ष बना दिया गया। वह कांग्रेस में थे, लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। उन्हें अध्यक्ष बनवाने में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अहम भूमिका रही। दिल्ली में उनके आवास पर ही जिला पंचायत के तमाम सदस्य जमा हुए थे और फिर चंद्रपाल सिंह निर्विरोध अध्यक्ष बन गए थे। रामपुर की सियासत में नकवी का दखल
केद्रीय मंत्री श्री नकवी का रामपुर की सियासत में अच्छा दखल है। वह रामपुर से लोकसभा सदस्य भी रहे हैं और यहीं पर उनका आवास है। भाजपा ही नहीं, बल्कि दूसरे दलों के पंचायत सदस्य भी उनका सम्मान करते हैं। इसी कारण उनके कहने पर अध्यक्ष निर्विरोध बन गए थे। अब जिला पंचायत का चुनाव हो रहा है तो कई वार्डों में भाजपा प्रत्याशियों के मुकाबले बागी भी चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी का टिकट न मिलने के कारण ऐसा कर रहे हैं। इन्हे समझाने के लिए तमाम प्रत्याशियों ने नकवी से बात की। इस पर वह रामपुर आए और दो दिन तमाम लोगों से मिले। भाजपाइयों की माटिग भी ली। कई नेताओं से अलग-अलग बात की। उनके कहने पर कई बागी प्रत्याशियों ने खुद को चुनाव मैदान से हटा लिया है। दूसरी ओर प्रदेश सरकार में बल्देव सिंह औलख राज्यमंत्री हैं। वह भी अपने विधानसभा क्षेत्र बिलासपुर में पार्टी प्रत्याशियों को जिताने के लिए प्रयासरत हैं।