राम मंदिर निमार्ण के लिए संग्राम कतई नहीं करें संतः आजम खां
सपा नेता आजम खां ने कहा है कि राम मंदिर के नाम पर फिर सियासत शुरू हो गई। देश में अराजकता का माहौल बनाया जा रह है। यह सब सत्ता हासिल करने के लिए किया जा रहा है।
रामपुर (जेएनएन) । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महसचिव आजम खां ने कहा कि राम मंदिर मुद्दे को खूनी रंग देनी की कोशिश की जा रही है। संत कह रहे हैं कि अब संघर्ष नहीं, बल्कि संग्राम होगा। संत संग्राम करें, लेकिन मुसलमानों से न करेंं। आजम ने रविवार को मीडिया से वार्ता में कहा कि राम मंदिर मुद्दे को लेकर धर्म संसद में संतों ने जो फैसला किया है और जो बातें सामने आ रही हैं, उससे देश को अराजकता की ओर ले जाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि अराजकता का रास्ता ही सत्ता का रास्ता है।
पटेल से ऊंची बने श्रीराम की मूर्ति
आरएसएस एडवाइजरी जारी कर चुका है कि राम मंदिर के पक्ष में फैसला किया जाए। सरदार पटेल की प्रतिमा से ऊंची श्री राम की मूर्ति बनाए जाने को लेकर आजम ने कहा के श्रीराम को करोड़ों हिंदू अपना भगवान मानते हैं। ऐसे में उनकी मूर्ति तो सबसे ऊंची ही होना चाहिए। अगर मेरे पास फैसला लेने का हक होता, तो हम चुनाव के इतने करीब यह फैसला नहीं लेते। बोले हमने एक शब्द भी राम और सीता जी की तौहीन में नहीं कहा, क्योंकि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता। मोदी जी और योगी जी के दौर में राम छोटे हों और रामजन ऊंचे, यह विचार का बिंदु तो बनता है। चुनाव सामने है ऐसे में यह गलती महंगी पड़ सकती है। हिंदुस्तान में श्रीराम बहुसंख्यकों के भगवान हैं और हम लोगों के लिए इंसानियत का प्रतीक। हमारी नजर में कितना एहतराम है, उनके लिए ये सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी से बाहर के नेता इस मुद्दे पर ज्यादा मशवरा न दें, जिन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है, वे इस बारे में न बोलें।