आजम प्रकरण: पुलिस अफसरों के बाद विधि विशेषज्ञों पर कार्रवाई का तैयारी
आजम प्रकरण पुलिस अफसरों के बाद विधि विशेषज्ञों पर कार्रवाई का तैयारी
सांसद आजम खां से जुड़े मामलों की पैरवी में ढिलाई का मामला
मुस्लेमीन, रामपुर: सांसद आजम खां के मुकदमों की पैरवी में लापरवाही बरतने पर पुलिस अधीक्षक समेत आधा दर्जन थाना प्रभारियों पर कार्रवाई हो चुकी है। चार थाना प्रभारियों को लाइन हाजिर कर दिया है, जबकि एसपी को जिले से हटा दिया गया। अब इस मामले में विधि विशेषज्ञों पर भी कार्रवाई की तैयारी है। जिला प्रशासन इनकी रिपोर्ट शासन को भेजने की तैयारी कर रहा है।
सांसद आजम खान के खिलाफ अब तक 87 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जबकि उनकी पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तजीन फात्मा पर तीन और बेटे अब्दुल्ला आजम पर 10 केस दर्ज हैं। इन तीनों ने 26 फरवरी को अब्दुल्ला आजम के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने से संबंधित धोखाधड़ी के मामले में अदालत में आत्मसमर्पण किया था। तब से ही तीनों जेल में हैं। 27 फरवरी को आचार संहिता से जुड़े आठ मामलों में आजम खान की जमानत अर्जी मंजूर हो गई थीं। इस मामले में पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा। अदालत ने पुलिस से तीनों ही मामलों में आख्या मांगी थी, लेकिन पुलिस ने आख्या नहीं दी। इस मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम औतार सिंह सैनी ने जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा था। इसके बाद आजम खां की अदालत में पेशी हुई तो तमाम सपा नेता उनसे मुलाकात के लिए कचहरी पहुंच गए। इस मामले को भी वरिष्ठ अधिकारियों ने गंभीरता से लिया और जांच पड़ताल के बाद शासन स्तर तक पहुंचा दिया। तब शासन ने एक मार्च को पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा को रामपुर से हटा दिया। इसके बाद शहर कोतवाल समेत चार थाना प्रभारियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के बाद अब इस मामले में विधि विशेषज्ञों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। जिला अधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह कहते हैं कि शासकीय अधिवक्ता इस मामले में ठीक से पैरवी नहीं कर सके हैं। ऐसे शासकीय अधिवक्ताओं के खिलाफ शासन को लिखा जाएगा। बेहतर पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट के अपर महाधिवक्ता विनोद दिवाकर को भी लगाया गया है।